महाराष्‍ट्र में फसल नुकसान का 6 रुपये मुआवजा... गुस्‍साया किसान बोला- इतने में तो एक कप चाय भी नहीं आएगी

महाराष्‍ट्र में फसल नुकसान का 6 रुपये मुआवजा... गुस्‍साया किसान बोला- इतने में तो एक कप चाय भी नहीं आएगी

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में किसान दिगंबर तांगड़े को फसल नुकसान पर सरकार से मात्र 6 रुपये मुआवजा मिला है. गुस्‍साए किसान ने कहा, “इससे तो मैं एक कप चाय भी नहीं खरीद सकता.” इससे पहले भी राज्‍य में बेहद कम राशि का मुआवजा किसानों को मिला है.

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महाराष्‍ट्र में फसल नुकसान का 6 रुपये मुआवजा... गुस्‍साया किसान बोला- इतने में तो एक कप चाय भी नहीं आएगीफसल मुआवजे के नाम पर एक और किसान से मजाक (सांकेतिक तस्‍वीर)

महाराष्‍ट्र में फसल नुकसान का मुआवजा किसानों के जख्‍मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है. राज्‍य में एक के बाद एक ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां किसानों को सिंगल और डबल डिजिट में मुआवजा मिल रहा है. अब ताजा मामला छत्रपति संभाजीनगर जिले से सामने आया है. यहां पैठण तहसील के दावरवाड़ी गांव के किसान दिगंबर सुधाकर तांगड़े को भारी बारिश और बाढ़ से हुई फसल क्षति के बदले सरकार से केवल 6 रुपये का मुआवजा मिला है. गुस्‍साए किसान का कहना है कि इस रकम से तो वह एक कप चाय भी नहीं खरीद सकता.

मुआवजे से किसान को थी राहत की उम्‍मीद

किसान दिगंबर तांगड़े ने बताया कि उनके पास दो एकड़ जमीन है. इस साल अगस्त-सितंबर में हुई लगातार बारिश और बाढ़ से उनकी पूरी फसल चौपट हो गई. सरकार की ओर से जब उन्हें मोबाइल पर बैंक खाते में राशि जमा होने का संदेश मिला, तो उन्होंने राहत की उम्मीद की थी, लेकिन जब उन्होंने देखा कि खाते में केवल 6 रुपये आए हैं, तो वे हैरान रह गए.

हमे कर्जमाफी चाहिए, अपमान नहीं: किसान

किसान ने नाराजगी जताते हुए कहा, “सरकार को शर्म आनी चाहिए कि किसानों के साथ ऐसा मज़ाक किया जा रहा है. दो महीने से हम मुआवजे की उम्मीद में थे और अब ये 6 रुपये का तमाशा दिखाया गया है. हमें कर्जमाफी चाहिए, न कि अपमान.”

उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार में उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान किसानों को कर्जमाफी दी गई थी. उन्‍होंने आगे कहा, “मौजूदा सरकार ने भी कर्जमाफी का ऐलान किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. किसानों की हालत बदतर होती जा रही है और सरकार केवल वादे कर रही है.”

उद्धव ठाकरे के दौरे के समय सामने आया मामला

यह मामला उस समय सामने आया जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे मराठवाड़ा क्षेत्र के दौरे पर थे और किसानों से बातचीत कर रहे थे. तांगड़े ने इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया. बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब किसानों को ऐसी “औपचारिक” राहत राशि दी गई हो.

कुछ ही दिन पहले अकोला जिले में भी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत 3 रुपये, 21 रुपये और 24 रुपये तक की मुआवजा राशि दी गई थी. आक्रोशित किसानों ने इसे “अपमानजनक” और “मजाक” करार देते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर और मुआवजा राशि के चेक लौटा दिए थे.

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले महीने 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें फसल क्षति, मिट्टी कटाव, घरों और पशुशालाओं के नुकसान, घायल व्यक्तियों के इलाज और मृतकों के परिजनों को मुआवजा शामिल था. लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों को अब तक समुचित राहत नहीं मिली है. (पीटीआई)

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