Cost Cutting in MP : एमपी में मंत्रियों का Income Tax अब नहीं भरेगी सरकार, 52 साल बाद बदली व्यवस्था

Cost Cutting in MP : एमपी में मंत्रियों का Income Tax अब नहीं भरेगी सरकार, 52 साल बाद बदली व्यवस्था

एमपी में मोहन यादव सरकार ने कुछ बड़े फैसले किए हैं. इनमें मंत्रियों को अब अपने Income Tax का भुगतान खुद करना पड़ेगा. अब तक राज्य सरकार पूरे मंत्रिमंडल का आयकर अदा करती थी. इसके अलावा एमपी सरकार शहीदों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देगी और गौ संरक्षण की दिशा में भी अहम फैसला करते हुए अपाहिज और बूढ़ी गायों के लिए अलग गौशालाएं भी बनाएगी.

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Cost Cutting in MP : एमपी में मंत्रियों का Income Tax अब नहीं भरेगी सरकार, 52 साल बाद बदली व्यवस्थाएमपी में सीएम सहित सभी मंत्रियों को अब खुद अदा करना होगा अपना आयकर (फोटो: साभार, एमपी सरकार)

मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए राज्य की मोहन यादव सरकार ने Cost Cutting के नाम पर सरकारी फिजूलखर्ची को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. इसके तहत राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सहित सूबे के अन्य मंत्रियों के आयकर को सरकारी खजाने से भरने की जिम्मेदारी से मुक्त कर लिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अगुवाई में हुई Cabinet Meeting में वित्त विभाग द्वारा पेश किए गए इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. इसके तहत सरकार ने तय किया है कि मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को अपने आयकर का भुगतान खुद करना होगा. इसके अलावा सैन्य बलों में एमपी के रहने वाले किसी शहीद के परिजनों काे एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने और गोवंश के संरक्षण एवं Dairy Production को बढ़ाने के लिए भी एक रोडमैप पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.

बदली 52 साल पुरानी व्यवस्था

सीएम मोहन यादव ने बताया कि कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए सभी मंत्रियों के आयकर का भुगतान सरकार द्वारा अब नहीं किए जाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अब सभी मंत्री अपना आयकर खुद अदा करेंगे. इस काम में उन्हें शासन से कोई मदद नहीं मिलेगी.

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डाॅ यादव ने कहा कि इसी प्रकार सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला सैन्य बलों के शहीदों को लेकर किया है. उन्होंने बताया कि एमपी कैबिनेट ने विभिन्न Security Forces में तैनात राज्य के जवान यदि ड्यूटी के दौरान शहीद होते हैं, तो उनके परिजनों को राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा कुछ साल पहले किए गए इस आशय के फैसले के बाद तमाम राज्य सरकारों ने इसे अपनाया है.

डॉ यादव ने स्पष्ट किया कि शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली वित्तीय मदद, शहीद की पत्नी और माता पिता को बराबर बराबर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में परिजनों के बीच कोई विवाद न हो, इससे बचने के लिए सरकार एक करोड़ रुपये की राशि में से आधी राशि शहीद की पत्नी और आधी राशि‍ उसके माता पिता को देगी. गौरतलब है कि सहायता राशि‍ से जुड़े विभिन्न मामलों में पीड़ित परिवार के बीच आपसी विवाद उत्पन्न होने के मद्देनजर एमपी सरकार ने शहीदों के मामले में परिजनों की वित्तीय सहायता को दो भागों में विभक्त किया है. जिससे भविष्य में कोई पारिवारिक विवाद न हो.

गोवंश रक्षा करेगी सरकार

एमपी में मोहन यादव सरकार ने गोवंश की रक्षा करने और दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की पहल की है. सीएम डॉ यादव की अध्यक्षता में हुई Animal Husbandry Department की समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया. इसके तहत राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों में पशुपालन को बढ़ावा देते हुए ऐसे गोवंश का भी संरक्षण करेगी, जिसे दूध न देने के कारण उपेक्ष‍ित छोड़ दिया जाता है.

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सरकार की ओर से बताया गया कि जो गाय बूढ़ी होने पर दूध नहीं देती है या अपाहिज होने पर गोवंश को छुट्टा छोड़ दिया जाता है. ऐसे गाय या बैल Social Order के लिए खतरा बन जाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने अपाहिज और बूढ़ी गायों के लिए पूरे प्रदेश में अलग गौशालाएं बनाने का फैसला किया है. इससे सड़कों पर आवारा घूमती गाय यातायात के लिए खतरा नहीं बन सकेंगी.

इतना ही नहीं सड़कों से गोवंश और अन्य मवेशियों को हटाने के लिए Hydraulic Vehicles की भी राज्य सरकार द्वारा व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए पहले चरण में रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, राजगढ़ आदि जिलों काे Hydraulic Cattle Lifting Vehicles से लैस कर दिया गया है.

पशुपालन विभाग ने गोवंश संरक्षण को लेकर गुजरात सहित अन्य राज्यों के Success Models का अध्ययन कर किसानों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इस कड़ी में विभाग मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के टोल फ्री नंबर 1962 को सक्रिय कर पशुओं को First Aid सुविधा मुहैया कराएगी. साथ ही प्रदेश में गौशालाओं को श्रेष्ठ तरीके से संचालित करने वाली संस्थाओं को जिला स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा.

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