हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' कृषि को सुदृढ एवं आत्मनिर्भर बनाने और किसानों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. उन्होंने कहा कि 'धन धान्य कृषि योजना' का देश के 100 जिलों में शुभारंभ किया गया है. उनमें हरियाणा का नूंह जिला भी शामिल है. मुख्यमंत्री सैनी आज इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, पंचकूला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को कृषि परियोजनाओं के कार्यक्रम के तहत आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य तुअर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है. यह खुशी की बात है कि प्रदेश के किसान भाई नवाचारों व नई स्कीमों को बड़ी तेजी से अपनाते हैं. किसान बाजार की मांग के अनुसार फसल विविधिकरण अपना रहे हैं. इसके अलावा, प्रदेश में पशुपालन, मधुमक्खी और मत्स्य पालन का शेयर भी बढ़ रहा है. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से हरियाणा के कर्मठ किसानों ने देश में हरित क्रांति को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, उसी तरह से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन को आगे बढ़ाने में किसान भाइयों की अहम भूमिका रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए किसानों को उत्तम किस्म के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे. प्रदेश में साल 2019-20 में दलहन के अधीन लगभग 1 लाख 95 हजार एकड़ क्षेत्र था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2 लाख 67 हजार 500 एकड़ हो गया. सरकार द्वारा इस क्षेत्र को और बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री के दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन को सफल बनाने में अपना योगदान दें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने हमेशा अपनी नीतियों और फैसलों के माध्यम से किसान को बीज से बाजार तक हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई है. किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से पिछले 10 सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी पर फसल खरीद के 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये डाले हैं. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ई-खरीद एप्लीकेशन द्वारा घर बैठे ई-गेट पास बनाने की सुविधा दी है. उनकी फसल खरीद का भुगतान अब उनकी फसल का एक्जिट गेट पास कटने के 48 घंटे में किया जाता है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसान हित में नकली बीज व कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया है. इसके अलावा अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म किया है. हरियाणा में 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए हर किसान को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से 1,345 करोड़ रुपये का बोनस दिया है. ऐसा हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत हरियाणा के लगभग 20 लाख किसानों के खातों में 6 हजार 563 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है. फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजे व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम के रूप में 15 हजार 145 करोड़ रुपये की राशि दी है.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मंत्रीगण, विधायकगण और किसानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाईव संबोधन भी देखा व सुना. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पुसा, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ करने के साथ-साथ कृषि अवसंरचना कोष, पशु पालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 42 हजार करोड़ रुपये की 1100 से अधिक कृषि परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन और नेतृत्व किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का नया दौर लेकर आया है. आज का दिन भारत के कृषि इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. ये योजनाएं राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, किसानों की आय बढ़ाने, पोषण युक्त अनाज उपलब्ध करवाने और भारत को दुनिया की 'फूड बास्केट' बनाने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धा का प्रमाण है.
सीएम सैनी ने कहा कि साल 2014 के बाद से भारत ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. एक समय था, जब हमें अपना पेट भरने के लिए अनाज बाहर से मंगवाना पड़ता था, लेकिन आज हम गेहूं और चावल के उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं. यही नहीं, आज हम अनेक कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज जिस धन-धान्य कृषि योजना का देश के 100 जिलों में शुभारंभ किया है. उनमें हरियाणा का एक जिला नूंह भी शामिल है. अब राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि नूंह जिले को इस योजना का अधिकतम लाभ मिले, ताकि यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके.
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