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नहीं थम रहा रेलवे कॉरिडोर के मुआवजे का मामला, सोनीपत में किसानों ने लघु सचिवालय को घेरा

नहीं थम रहा रेलवे कॉरिडोर के मुआवजे का मामला, सोनीपत में किसानों ने लघु सचिवालय को घेरा

किसानों ने सोनीपत के छोटू राम धर्मशाला से लेकर सोनीपत लघु सचिवालय तक पदयात्रा निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो लघु सचिवालय का गेट बंद कर दिया जाएगा. वही किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा.

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सोनीपत में किसानों का विरोध प्रदर्शन सोनीपत में किसानों का विरोध प्रदर्शन

कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बनने वाले रेलवे कॉरिडोर के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ लोगों का विरोध जारी है. लंबे समय से किसान अधिग्रहण के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग को लेकर मंगलवार को सोनीपत में किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव किया. किसानों का कहना है कि उन्हें उचित दर पर मुआवजे का पैसा नहीं मिला तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. किसानों ने कहा है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आने वाले समय में नेताओं को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा.

हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे कॉरिडोर का निर्माण कर रही है. कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. इस भूमि अधिग्रहण का मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जो इस मुआवजे से खुश नहीं हैं. ऐसे किसान सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. ये किसान मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को किसानों ने रेलवे कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ मोर्चा खोला. 

किसानों ने सोनीपत के छोटू राम धर्मशाला से लेकर सोनीपत लघु सचिवालय तक पदयात्रा निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो लघु सचिवालय का गेट बंद कर दिया जाएगा. वही किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा.

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हरियाणा में भूमि अधिग्रहण को लेकर अलग-अलग कानून हैं. अगर किसी किसान की जमीन विकास कार्यों के लिए ली जाती है तो उसके लिए कलेक्ट्रेट से मुआवजा देने का प्रावधान है. अगर किसी किसान की जमीन नेशनल हाईवे के लिए ली जाती है, तो उसे कलेक्ट्रेट से रेट का चार गुना मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है. वहीं सरकार ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा भी दे रखा है. इसके चलते सरकार रेलवे कॉरिडोर के लिए जो भूमि अधिग्रहण कर रही है, उसमें मुआवजा राशि अलग-अलग प्रकार से दी जा रही है. किसान इसी बात का विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर किसान लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं.

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किसानों की मांग है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाए और नेशनल हाईवे का दर्जा देते हुए कलेक्ट्रेट से भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के तहत चार गुना मुआवजा दिया जाए. मंगलवार को किसान इस मांग को लेकर सोनीपत के छोटू राम धर्मशाला से पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और अन्य नेताओं ने कहा कि वे सरकार के विकास कार्यों के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन सरकार एक तरफ तो कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर नेशनल हाईवे की दरों से टोल वसूल रही है, तो दूसरी तरफ कम मुआवजा दिया जा रहा है. किसानों की शिकायत है कि कुंडली मानेसर इलाके की जमीन बहुत महंगी है, पर उन्हें मुआवजे का पैसा कौड़ियों के भाव मिल रहा है. विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा.(पवन राठी की रिपोर्ट)