
बिहार की महिलाएं न केवल सपने देखती हैं, बल्कि उन्हें पूरा करने का हुनर भी रखती हैं. उनके इस हुनर को नई उड़ान दे रही हैं जीविका. जीविका दीदी के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं. वहीं, अब बिहार की जीविका दीदियों को और सशक्त बनाने के लिए उनका अपना बैंक भी खुलने जा रहा है. बीते शुक्रवार को नीतीश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ‘जीविका निधि’ नाम से बैंक शुरू करने का निर्णय लिया. जिसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जीविका निधि के गठन से संबंधित ‘संकल्प’ जारी कर दिया है.
‘जीविका निधि’ बैंक का संचालन जीविका संस्था की महिला सदस्यों द्वारा किया जाएगा, जिससे महिला सशक्तिकरण को और बल मिलेगा. यह बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में बचत, ऋण, बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाएगा. इससे महिलाओं को ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों, साहूकारों या अन्य माध्यमों से लिए जाने वाले कर्ज पर उनकी निर्भरता काफी कम होगी. इस बैंक में जीविका सदस्यों की व्यावसायिक जरूरतों के अनुरूप ऋण उत्पाद तैयार किए जाएंगे, जिससे बड़ी राशि के ऋण की मांग समय पर पूरी हो सकेगी. साथ ही, सामुदायिक निधि से जुड़े जोखिमों को भी कम किया जाएगा.
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‘जीविका निधि’ बैंक की स्थापना के लिए कुल 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिसमें बिहार सरकार 500 करोड़ रुपये का अनुदान देगी और 400 करोड़ रुपये प्राथमिक समितियों से शेयर पूंजी के रूप में एकत्र किए जाएंगे. शेष 100 करोड़ रुपये सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुदान के रूप में दिए जाएंगे.
वहीं, बिहार स्टेट जीविका निधि क्रेडिट सहकारिता यूनियन लिमिटेड के सुचारु संचालन के लिए प्रत्येक क्लस्टर स्तर की समिति को 10 लाख रुपये दीर्घकालिक जमा के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही, जीविका निधि स्तर पर पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर प्रतिवर्ष ब्याज देने का प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) द्वारा 110 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार जीविका निधि द्वारा बैंकों, नाबार्ड, एलआईसी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक आदि से लिए गए ऋण के लिए गारंटर भी बनेगी.
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‘जीविका निधि’ बैंक का संचालन बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के तहत होगा, जिसका पंजीकरण बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1935 के अंतर्गत किया जाएगा. इस बैंक के माध्यम से जीविका से जुड़ी महिलाओं को किफायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा, जिससे वे अपने छोटे-मोटे व्यवसायों को और सशक्त कर सकेंगी. वहीं, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर पूंजीगत ऋण प्रदान किया जाएगा. भविष्य में आवश्यकता के अनुसार प्रबंधन समिति ब्याज दर तय करेगी. बैंक का संचालन आम निकाय, प्रतिनिधि आम निकाय, प्रबंधन समिति और पदाधिकारी मिलकर करेंगे.
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