
Agriculture Machinery Festival : बिहार की राजधानी पटना में किसानों के लिए राज्य स्तरीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला का आयोजन किया गया. इस मेले में देश-विदेश के आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी और उससे जुड़ी जानकारी दी गई. चार दिनों तक चलने वाले इस एग्रो बिहार 2023 के कृषि यांत्रिकरण मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि यह मेला पूर्वी भारत का सबसे बड़ा यांत्रिकरण मेला है. राज्य सरकार किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज से लेकर कृषि यंत्र तक सब्सिडी दर पर उपलब्ध करा रही है. इसके साथ ही चौथे कृषि रोडमैप में किसानों से खेती के दौरान आने वाली समस्या के बारे में सलाह मांगी जा रही है ताकि उन समस्याओं का हल रोडमैप में डाला जा सके. कृषि विभाग के सचिव डॉ एन. सरवण कुमार ने कहा ने कहा कि राज्य के सभी पंचायतों में कृषि यंत्रों की मरम्मत करने के लिए एक व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
बीते दो साल से कोरोना के कारण कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन नहीं किया गया. वहीं इस साल सी.आई.आई के सहयोग से 9 फरवरी से 12 फरवरी तक राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया गया है. जहां करीब 125 से अधिक कृषि यंत्र मशीन के स्टॉल लगाए गए हैं. इस कृषि यांत्रिकीकरण मेला में किसानों को खेती संबंधी जानकारी देने के लिए किसान पाठशाला का भी आयोजन किया जा रहा है.
राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि आज भी ऐसा देखने को मिल रहा है कि राज्य के किसानों को पुरानी तकनीक से जुड़ी हुई ही मशीन मिल रही है. इसके लिए आधुनिक मशीनों का विकास करना बेहद जरूरी हो गया है. इसको लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिया. साथ ही कृषि यंत्र से जुड़े अभियंता और कृषि यंत्र निर्माता को भी इस पर कार्य करने के लिए कहा. वहीं आगे उन्होंने कहा कि कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत कुल 90 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों पर 80 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है.
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जो करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके अच्छे बीज किसानों को उपलब्ध करा रहा है. इसके साथ ही बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और दूसरे राज्य में बीज भेजने के लिए सरकार कृषि विभाग की जमीन, बीज उत्पादन करने वाली कंपनी को रेंट पर देगी. इसके लिए राज्य के विभिन्न बीज उत्पादन कंपनी को आमंत्रित भी किया जा रहा है. ताकि आने वाले समय में बिहार दूसरे राज्य में बीज भेज सके.
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मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा 2023-2028 तक के लिए चौथा कृषि रोडमैप तैयार किया जा रहा है जिसमें कृषि यांत्रिकरण एक महत्त्वपूर्ण घटक है. आने वाले समय में फसल आधारित और क्षेत्र आधारित कृषि यंत्रों को सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही जलवायु के अनुकूल कृषि कार्य में उपयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों पर विशेष बल दिया जाएगा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस महीने में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें किसान अपनी समस्याओं और सुझाव को बता सकते हैं. उनके सुझाव और समस्याओं का हल रोडमैप में डालने का काम किया जाएगा.
कृषि विभाग के सचिव डॉ एन. सरवण कुमार ने कहा कि राज्य के सभी पंचायत में छोटे जोत वाले किसानों तक कृषि यांत्रिकरण पहुंचाने के लिए कृषि यंत्र बैंक स्थापित किया जा रहा है. साथ ही यंत्र खराब होने पर उनकी मरम्मत के लिए किसानों को परेशानी न हो, इसके लिए पंचायत स्तर पर कृषि यंत्रों की मरम्मत करने के लिए एक व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके तहत अब तक करीब एक हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
पटना के गांधी मैदान में आयोजित कृषि यंत्र मेला में राज्य के निर्माताओं के साथ ही आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के कृषि यंत्र निर्माता भी शामिल हुए. वहीं पटना जिले के रहने वाले किसान अरविंद कुमार ने बताया कि इस मेले के आयोजन से यह फायदा है कि उन्हें एक जगह पर ही कृषि से जुड़े यंत्र की जानकारी हासिल हो रही है और इसके फायदे के बारे में भी जानकारी मिल रही है. इस तरह के मेले का आयोजन होना चाहिए. वहीं व्यवसायी उदय प्रताप कहते हैं कि वे एक ही स्थान पर रहते हुए कई किसानों को जानकारी दे रहे हैं. उनके पास कृषि से जुड़े कई यंत्र हैं. इस कृषि मेले में मिट्टी जांच केंद्र, नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन, ट्रैक्टर,सहित अन्य यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है.
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