उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को पुष्कर में राष्ट्रीय जाट महाधिवेशन में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान जुटे. सभा को संबोधित करते हुए धनखड़ ने किसानों से कहा कि मिल बैठ कर बात करेंगे और हर तरह की समस्या का हल निकालेंगे. इस दौरान उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम इस देश के हैं और यह देश हमारा है. हम वो लोग हैं जो धरती से सोना पैदा करते हैं'. उन्होंने यह भी कहा कि किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए सबसे अच्छा है.
अपने संबोधन में धनखड़ ने कहा, किसान को जातियों में बांटने की एक साजिश है ताकि एक विशेष वर्ग, और खुल कर कहूंगा, अपने को अलग कर दें. दिल कभी शरीर से अलग नहीं हुआ है. पर हम तो दिल कहां है, हम तो आत्मा हैं, किसान वर्ग की आत्मा हैं. इस आत्मा का सर्जन, इस आत्मा का संरक्षण, हमको करना है. उपराष्ट्रपति ने कहा, इस देश में कोई माई लाल पैदा नहीं हुआ है जो किसानों को विभाजित कर सके. जाट समाज देशभर में किसान वर्ग का महत्वपूर्ण अंग है.
उपराष्ट्रपति ने कहा, आज के दिन मैं तीन बड़ी बात कहना चाहूंगा. किसान जो पैदा करे है, बड़ी मुश्किलों से पैदा करे है. व्यापार में किसान क्यों नहीं? मेरा आग्रह है कि किसानों को बैठ कर चिंता करनी चाहिए, चिंतन करना चाहिए, मंथन करना चाहिए और जो खरबों का व्यापार है, वह उसके यहां पैदा होती है उसका व्यापार वो खुद करे. इतने बड़े खज़ाने को हम अपने से दूर कर रहे हैं. इस व्यापार में लक्ष्मी पूरी तरह से मेहरबान है और इस चीज़ पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
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जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, किसान राष्ट्र का प्रतीक है, देश पर कोई भी संकट आएगा, किसान अपनी छाती पर झेलेगा. किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए सबसे अच्छा है. मैं जानता हूं कुछ समस्याएं हैं, उन समस्याओं का निराकरण होना चाहिए. आज मैं यहां से आह्वान करता हूं. देश भर के किसानों के लिए मेरे दरवाज़े चौबीसों घंटे खुले हैं, मिल बैठ कर बात करेंगे, समस्या का हल निकालेंगे. हम इस देश के हैं, यह देश हमारा है, हम वो लोग हैं, जो धरती से सोना पैदा करते हैं.
उपराष्ट्रपति ने कहा, बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां चल रही हैं, तेल की हो, कपड़े की हो, इनका आधार क्या है? किसान के यहां पैदा होने वाली चीज़. अंग्रेज़ी में जिसको कहते हैं value addition, किसान को उसके बारे में सोचना चाहिए. सरकार की नीतियां सकारात्मक हैं, जिससे किसान सोच कर, तरीके से इन चीज़ों में value add कर सके. जिस समाज ने मुझे इस पद पर भेजा है, उस समाज का मैं सबसे पहला सेवक हूं, उस समाज की पूजा करने में कोई कमी नहीं आएगी. मेरा संकल्प है- किसान वर्ग को खंडित करने की योजना करने वाले लोगों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते.
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उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गुरुवार को पुष्कर में 105वां राष्ट्रीय जाट महाधिवेशन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. उपराष्ट्रपति ने बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत, राजस्थान सरकार में मंत्री ज्योति मिर्धा भी शामिल हुए.
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