UP उपचुनाव में 'अजगर' फार्मूला अपनाएगी RLD, BJP से सीटों के बंटवारे पर होगा मोलभाव!

UP उपचुनाव में 'अजगर' फार्मूला अपनाएगी RLD, BJP से सीटों के बंटवारे पर होगा मोलभाव!

यूपी में आगामी उपचुनावों के लिए निर्धारित 10 विधानसभा सीटों में से, 2022 के चुनावों में 5 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं, 3 सीटें बीजेपी ने और 1-1 सीट उसके एनडीए सहयोगियों निषाद पार्टी और आरएलडी (2022 में एसपी पार्टनर) ने जीती थी. ऐसे में इस बार बीजेपी की सहयोगी पार्टी RLD तीन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.

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UP उपचुनाव में 'अजगर' फार्मूला अपनाएगी RLD, BJP से सीटों के बंटवारे पर होगा मोलभाव!अजगर' फार्मूला अपनाएगी RLD

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें से 9 सीटें लोकसभा चुनाव लड़ने वाले विभिन्न दलों के विधायकों के सांसद बनने के चलते खाली हुई हैं. वहीं, कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने के चलते ये सीट खाली हुई है. इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों की हलचल बढ़ गई है. सभी दल साम दाम दंड भेद के हथकंडे अपनाकर उपचुनाव की 10 सीटें जीतना चाहते हैं.

भारतीय जनता पार्टी 10 सीटों में से 9 पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है, तो वहीं उसकी सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल (RLD) मीरापुर के अलावा दो अन्य सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है. आरएलडी विधायक चंदन चौहान के सांसद बनने के कारण मीरापुर विधानसभा सीट खाली हुई है. इसलिए एनडीए में सीट बंटवारे के तहत मीरापुर RLD के खाते में जाने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा जयंत चौधरी की पार्टी दो और सीटें चाहती है.  

इन सीटों पर चुनाव लगड़ा चाहती है RLD

आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने कहा कि अलीगढ़ के खैर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और गाजियाबाद सदर सीट पर उनकी पार्टी मजबूत है. वहीं, खैर सीट पर आरएलडी का प्रत्याशी ही जीतता आया है. ऐसे में अगर खैर और गाजियाबाद सदर सीट पर भाजपा से बात बन जाती है, तो एनडीए ये तीन सीटें आसानी से जीत सकती है. अनुपम मिश्रा ने बताया कि आरएलडी अपना विस्तार कर रही है, जिसके चलते संगठनात्मक बदलाव भी किए जाएंगे. हमारे ऐसे कार्यकर्ता जो निष्क्रिय हैं या किसी दूसरे दल में चले गए हैं, उनसे संपर्क साधा जाएगा. उनकी फिर से राष्ट्रीय लोकदल में वापसी कराने के पूरे प्रयास किए जाएंगे. इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी.  

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‘अजगर’ फार्मूला अपनाएंगे जयंत चौधरी

अनुपम मिश्रा के मुताबिक RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह के आजमाए ‘अजगर’ फार्मूले को धार देने के लिए नए सिरे से काम कर रहे हैं. अजगर फार्मूले का मतलब है कि रालोद ‘अहीर, अनुसूचित और अगड़ा’ समाज के अलावा जाट, गुर्जर और राजपूत समुदाय को अपने साथ जोड़ने का काम करेगी. आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने कहा कि 'अजगर' को साधने से पार्टी का राजनीतिक कद और बढ़ेगा और इससे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को भी अतिरिक्त मजबूती मिलेगी.  

10 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव

आगामी उपचुनावों के लिए निर्धारित 10 विधानसभा सीटों में से, 2022 के चुनावों में 5 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं, 3 सीटें बीजेपी ने और 1-1 सीट उसके एनडीए सहयोगियों निषाद पार्टी और आरएलडी (2022 में एसपी पार्टनर) ने जीती थी. मैनपुरी की करहल सीट अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है. अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट सपा विधायक अवधेश प्रसाद पासी के सांसद बनने के बाद खाली हुई है. अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि के हाथरस (एससी-आरक्षित) लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित होने के कारण खाली हुई है. (लखनऊ से सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)

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