तेलंगाना के भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की तरफ से उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया गया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन की बातें कही गई हैं. पार्टी के नेताओं ने ऐसी सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में शुक्रवार को यह कहा गया था कि बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव और पूर्व मंत्री हरीश राव ने गठबंधन पर बातचीत के लिए दिल्ली में बीजेपी के नेताओं से मुलाकात की थी.
हैदराबाद में बीआरएस के एक नेता ने कहा, ' भला केसीआर, बीजेपी को कुछ भी क्यों देगी और क्यों उन्हें राज्य में बढ़ने का मौका दिया जाएगा? इस नेता का दावा था कि केटीआर और हरीश राव कविता की जमानत के बारे में वकीलों से बात करने गए थे. उनकी बीजेपी की किसी भी नेता से कोई मुलाकात नहीं हुई है. बीआरएस के नेता ने कहा कि अगर पार्टी, बीजेपी के साथ जाती तो उनके विधायक रुक जाते क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार का समर्थन मिल सकता है. नेता की मानें तो इसके बाद भी तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस में दलबदल जारी है.
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बीआरएस के एक और नेता ने बीजेपी के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया. इस नेता की मानें तो पार्टी के पूर्व सांसद बी विनोद ने जो यह कहा है कि 'राजनीति में कुछ भी हो सकता है' उसका कोई मतलब नहीं है. नेता की मानें तो केसीआर, बीजेपी से कहीं ज्यादा बड़े हैं. पार्टी के कुछ नेताओं की मानें तो बस कुछ महीनों तक इंतजार करना है और कांग्रेस अपने आप ही अपने पतन का कारण बन जाएगी.
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एक अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि बीआरएस, बीजेपी के साथ विलय करेगी या फिर हाथ मिलाएगी और इस रिपोर्ट से काफी हलचल मचा दी थी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में राज्य की 17 लोकसभा सीटों में से 8 सीटें जीतने में सफलता हासिल की है. कांग्रेस ने भी 8 सीटें जीतीं और ओवैसी की AIMIM ने हैदराबाद की सीट बरकरार रखी. जबकि बीआरएस के खाते में एक भी सीट नहीं आई है. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 119 सीटों में से 64 सीटें जीती थी और वह सत्ता में आई थी. बीआरएस को 39 सीटें मिली थीं. तब से लेकर अब तक 9 बीआरएस विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.
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