उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इन चुनावों से पहले ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस को एक भी सीट देने के मूड में नहीं है. अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जो बयान दिया है, उससे साफ है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी इन उपचुनावों की रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन के तहत सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था. दोनों ही पार्टियों ने जोरदार वापसी की है. जहां सपा ने 37 सीटें जीती हैं तो कांग्रेस के हिस्से भी 6 सीटें आई हैं.
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर जल्द होने जा रहे उपचुनावो में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ने की कोशिश करेगी. इस बारे में समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत भी हो रही है. प्रमोद तिवारी ने उन दावों को गलत बताया, जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि सपा उपचुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट देने को तैयार नहीं है. उनके मुताबिक इस बारे में अभी तक अखिलेश यादव ने कुछ नहीं कहा है. कांग्रेस के नेता जल्द ही उपचुनावों को लेकर अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे.
यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र के शक्तिपीठ हाइवे मामले में कूदे शरद पवार, किसानों को दिलाया मदद का भरोसा
कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें आई हैं कि यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने जो कमाल किया है, अब वह उसके बाद हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भी इसे दोहराने की कोशिश में है. एक रिपोर्ट की मानें तो सपा इस साल के अंत में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उसका यह कदम कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो सकता है. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की अगुआई वाली पार्टी हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हरियाणा में मौजूद अहीर वोट बैंक में सेंध लगा सकती है. ज्यादातर अहीर खुद को यादव समुदाय का हिस्सा मानते हैं. हालांकि अभी तक इन खबरों पर कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
यह भी पढ़ें-किसानों को लोन पर नहीं देना होगा ब्याज, ऊंट पालकों को 20 हजार रुपये देगी राज्य सरकार
उपचुनावों में एक बार फिर इंडिया ब्लॉक और एनडीए गठबंधन का आमना सामना होगा. उत्तर प्रदेश में विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से पांच सपा के पास हैं जबकि तीन बीजेपी के पास हैं. एक-एक सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और निषाद पार्टी के पास है, जो दोनों एनडीए में गठबंधन सहयोगी हैं. इस समय विधानसभा में बीजेपी के अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के 103 हैं. बीजेपी की की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, रालोद के आठ, निषाद पार्टी के पांच और सुभासपा के छह सदस्य हैं. वहीं, सपा की सहयोगी कांग्रेस के सिर्फ दो विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी गठबंधन के कुल 281 सदस्य हैं जबकि सपा गठबंधन के 105 सदस्य हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today