उज्‍जैन में 15 मांगों के लिए किसानों का विराेध-प्रदर्शन, दूध-सब्‍जि‍यों की सप्‍लाई ठप करने की दी चेतावनी

उज्‍जैन में 15 मांगों के लिए किसानों का विराेध-प्रदर्शन, दूध-सब्‍जि‍यों की सप्‍लाई ठप करने की दी चेतावनी

Ujjain Farmers Protest: उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में BKS समर्थित किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों ने 15 सूत्रीय मांगें रखीं और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दूध और सब्जियों की आपूर्ति रोक देंगे.

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उज्‍जैन में 15 मांगों के लिए किसानों का विराेध-प्रदर्शन, दूध-सब्‍जि‍यों की सप्‍लाई ठप करने की दी चेतावनीउज्‍जैन में किसानों का विरोध-प्रदर्शन (फोटो- स्‍क्रीनग्रैब)

उज्जैन में आगामी सिंहस्थ 2028 के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर भारतीय किसान संघ (BKS) के समर्थक किसानों ने मंगलवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है तो वे दूध और सब्जियों की सप्‍लाई रोक देंगे. किसानों का विरोध-प्रदर्शन दो दिन से लगातार जारी है. किसान सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी निर्माण के खिलाफ रोष में हैं. बीते सोमवार को भी आरएसएस से जुड़े किसान संगठन ने रैलियां निकाली और प्रदर्शन कर प्रदेशभर में ज्ञापन सौंपे. 

संगठन ने कहा कि उनका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उजागर करना है. इस दौरान BKS ने खेती योग्य भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चेतावनी दी. वहीं, मौके पर ट्रैक्टर पर सवार किसान हाल की बारिश में खराब हुई प्याज और सोयाबीन की मालाएं लेकर पहुंचे थे. उन्होंने सवाल उठाया कि जब पहले सिंहस्थ में तीर्थयात्रियों और संतों के लिए अस्थायी इंतजाम पर्याप्त थे तो स्थायी ढांचे बनाने की जरूरत क्यों है? इसके बाद किसानों ने सोशल जस्टिस कॉम्प्लेक्स में अपनी मांगें रखी.

किसानों ने उठाईं 15 सूत्रीय मांगें

उज्जैन जिले के 17 गांवों के किसान इस प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने अपनी 15 सूत्रीय मांगें रखीं. प्रदर्शन का नेतृत्व BKS के उज्जैन-मालवा प्रांत इकाई ने किया. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आसपास के गांवों से दूध और सब्जियों की आपूर्ति रोक दी जाएगी. BKS के महासचिव मोहन मोहन मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार गलत फैसले ले रही है और भूमि पूलिंग योजना को आगे बढ़ाने से पहले किसानों की राय लेनी चाहिए.

'किसान हर सिंहस्‍थ में देते हैं जमीन'

मिश्रा ने आगे कहा कि सिंहस्थ में श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं और यहां पर ध्यान, प्रार्थना और विश्राम के लिए आते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सुविधाएं बनाई जा सकती हैं, लेकिन केवल अस्थायी संरचनाएं ही पर्याप्त हैं. किसान 11 साल तक इन सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं और केवल एक साल के लिए इसे सिंहस्थ के लिए उपलब्ध करा सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना से लगभग 1,500 से 1,800 किसान प्रभावित होंगे और प्रशासन को उनके साथ बातचीत करना चाहिए. मिश्रा ने याद दिलाया कि उज्जैन के किसान हजारों वर्षों से सिंहस्थ के लिए जमीन देते करते आए हैं और इस बार भी उनका योगदान अहम है.

पीएम के दौरे से पहले विरोध

यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश के दौरे से ठीक पहले आया है. प्रधानमंत्री बुधवार को धार जिले में पीएम मित्रा पार्क की आधारशिला रखेंगे और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. वहीं, उज्‍जैन से आने वाले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि सिंहस्थ की तैयारियां सभी हितधारकों के सहयोग से सुचारू रूप से चल रही हैं.

सीएम ने आगे कहा कि प्रदेश के विकास की गति बनाए रखना उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और सिंहस्थ के लिए स्थायी ढांचा बनाने की योजना सभी हितधारकों से परामर्श के बाद तैयार की गई है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों की सुरक्षा की गारंटी दी और कहा कि उज्जैन को “ग्लोबल स्पिरिचुअल सिटी” के रूप में विकसित करने की योजना सिंहस्थ के अंतर्गत लागू की जाएगी. (पीटीआई)

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