पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आज प्रेस कांफ्रेंस की. कई महीनों से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन और जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर यह प्रेस कांफ्रेंस की गई. इसमें पंढेर ने कहा, आज शंभू बॉर्डर पर गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व मनाया गया. प्रधानमंत्री साहब ने भी गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री जी को गुरु साहिब जी की शिक्षा से सबक लेनी चाहिए और किसानों से बातचीत करनी चाहिए.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, देश के हर कोने में केंद्र सरकार के अर्थी दहन कार्यक्रम को 10 जनवरी को सफल बनाने के लिए देश की जनता को आह्वान करते हैं ताकि केंद्र सरकार तक ये किसानों की बात पहुंच सके. आम आदमी पार्टी को नई मार्केटिंग पॉलिसी पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री तो 30 दिसंबर के बंद के दबाव में कह चुके हैं कि वो ये पॉलिसी पंजाब में लागू नहीं होने देंगे.
पंढेर ने कहा कि 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन नई खेती नीति के ड्राफ्ट की कॉपियां जलाने के लिए पंजाब और देश के लोगों को आह्वान करते हैं. पूरे देश में लोगों को पीएम मोदी के बड़े-बड़े कट-आउट लगाने और उनका सांकेतिक विरोध करने का भी आह्वान करते हैं. राकेश टिकैत ने जो हमारे आंदोलन के खिलाफ बयान दिया है, हम उसकी निंदा करते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा को इस बयान पर सफाई देनी चाहिए. अगर कोई किसान नेता ऐसा बयान देता है जो केंद्र सरकार के पक्ष में जाता है तो ये हमारी किसान एकता को कमजोर करता है.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर देश की जानता चाहती है कि ये आंदोलन जीता जाना चाहिए तो आने वाली 10 तारीख को शंभू बॉर्डर पर और तेज आंदोलन किया जाएगा. 13 और 14 जनवरी को पंजाब भर में लोहरी और मकर संक्रांति के दिन जाएंगे और मंडियों को निजी हाथों में देने की नई कृषि नीति की प्रतियां जलाई जाएंगी. पंढेर ने कहा, एसकेएम जो भी कार्यक्रम कर रहा है, तो वह कह रहा है कि हम उनका उनका समर्थन करते हैं, लेकिन राकेश टिकैत ने कुछ दिन पहले कहा है वो एसकेएम क्लियर करे कि क्या वह एसकेएम का बयान है या सिर्फ राकेश टिकैत का बयान है.
इससे पहले 4 जनवरी को पंढेर ने कहा, सरकार को यह सीखना चाहिए कि पंजाब का इतिहास बहुत बड़ा है. यह बलिदानों की भूमि है. यह शहीदों की भूमि है. मोदी को याद रखना चाहिए कि पंजाबियों ने कड़ी लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों को उखाड़ फेंका. हम अच्छी तरह जानते हैं कि हमारी लड़ाई बड़ी है, लेकिन हमें अपने पीछे खड़े लोगों पर पूरा भरोसा है. मोदी 3 करोड़ पंजाबियों से बड़े नहीं हैं.
पंढेर ने कहा, आपके पास दो विकल्प हैं - या तो किसानों की बात का सम्मान करें या फिर हम अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम यह लड़ाई नहीं छोड़ेंगे. हम इसे जीतेंगे. हमें रोकने के लिए आपको हम पर गोलियां बरसानी पड़ेंगी. पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने डल्लेवाल को जबरन उठाने की कोशिश की तो अगला कार्यक्रम 10 जनवरी को हम किसान विरोधी रुख के लिए मोदी सरकार का पुतला जलाएंगे.
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