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जो अहंकारी हो गए थे, उन्हें भगवान राम ने 241 पर रोक दिया...नाम लिए बिना बीजेपी पर आरएसएस नेता का तंज  

जो अहंकारी हो गए थे, उन्हें भगवान राम ने 241 पर रोक दिया...नाम लिए बिना बीजेपी पर आरएसएस नेता का तंज  

राष्‍ट्रीय स्‍वंय सेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत के बाद अब इसके एक और नेता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आलोचना की है. आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने हाल के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया है. इससे पहले भागवत ने भी कुछ इसी तरह की टिप्‍पणी की थी.

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एक बार फिर एक आरएसएस नेता ने कसा बीजेपी पर तंज एक बार फिर एक आरएसएस नेता ने कसा बीजेपी पर तंज

राष्‍ट्रीय स्‍वंय सेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत के बाद अब इसके एक और नेता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आलोचना की है. आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने हाल के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया है. इससे पहले भागवत ने भी कुछ इसी तरह की टिप्‍पणी की थी. भागवत ने पिछले दिनों कहा कि एक सच्चा 'सेवक' अहंकारी नहीं होता और वह गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है.  

10 सालों में सबसे खराब प्रदर्शन 

राजस्‍थान की राजधानी जयपुर के करीब गुरुवार को एक कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार मौजूद थे. यहां पर उन्‍होंने कहा, 'जिन्होंने भगवान राम की भक्ति की, वो धीरे-धीरे अहंकारी हो गए. उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित किया गया लेकिन अहंकार के कारण भगवान राम ने उन्हें 241 पर रोक दिया. इंद्रेश कुमार ने बीजेपी का नाम नहीं लिया लेकिन इस टिप्‍पणी को पार्टी के लिए ही माना जा रहा है. बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में 240 सीटें जीतीं लेकिन बहुमत का आंकड़ा पार करने में असफल रही. यह पिछले 10 सालों में पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन भी था. 

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इंडिया ब्‍लॉक पर भी हमला 

इंद्रेश कुमार ने विपक्षी इंडिया ब्‍लॉक पर भी निशाना साधा और उन्हें 'राम विरोधी' करार दिया.  विपक्षी गठबंधन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ''और जिन लोगों की राम में आस्था नहीं थी, वे सब मिलकर 234 पर रुक गए. भगवान का न्याय सच्चा और सुखद होता है.'' लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल कीं है.  आरएसएस सूत्रों की मानें तो कुमार की टिप्पणी संघ का आधिकारिक रुख नहीं है. 

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भागवत ने भी कही थी ऐसी बात 

इससे पहले भागवत ने कहा था, 'एक सच्चा सेवक मर्यादा बनाए रखता है. वह काम करते समय मर्यादा का पालन करता है. उसके अंदर यह अहंकार नहीं होता कि वह कहे कि 'मैंने यह काम किया'. केवल वही व्यक्ति सच्चा सेवक कहलाता है.'  भागवत ने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों का हवाला देते हुए सभी के प्रति विनम्रता और सद्भावना की आवश्यकता पर भी जोर दिया. साल 2024 के चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार को रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता तो मिली लेकिन उसे पिछली दो बार की तरह स्‍पष्‍ट जनादेश नहीं मिल सका.