महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की 163वीं मीटिंग को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि किसानों पर इस बात का दबाव नहीं डालना चाहिए कि वो फसल पर कर्ज के लिए अपना सिबिल स्कोर बैंकों को मुहैया कराएं. क्रेडिट स्कोर जिसे अक्सर सिबिल के तौर पर भी जाना जाता है, वह किसी शख्स की बैंक और दूसरे वित्तीय संगठनों ने कर्ज लेने की क्षमता को मापता है. यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों खबर आई थी कि राज्य के किसान कई वजहों से आत्महत्या करने पर मजबूर हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया है कि मीटिंग में इस बात पर फैसला हुआ है कि डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंकों और कृषि वित्तीय संस्थानों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी जाएगी. एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि समिति की तरफ से पेश की गई साल 2024-25 के लिए राज्य की करीब 41 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना को मंजूरी दी गई है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि जिला स्तरीय बैंक सलाहकार समिति की बैठक के लिए आरबीआई और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अधिकारियों को भेजा जाए.
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मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मौके पर कहा कि खेती महाराष्ट्र की ताकत है. इसलिए सरकार किसानों के पीछे मजबूती से खड़ी है. बैंकों को भी संकट के समय किसानों का साथ देना चाहिए. बैंकों को छोटे और सीमांत किसानों को फसल ऋण देने में शामिल होना चाहिए. इसके लिए हमने संकट में फंसे किसानों के लिए एनडीआरएफ के मानदंडों से दोगुनी मदद की है. हमने हेक्टेयर सीमा भी बढ़ाई है और एक रुपये में फसल बीमा दिया है.
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उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, प्रकृति की अनिश्चितताओं के कारण किसान लगातार पीड़ित हैं. ऐसे में हम सरकार के रूप में किसानों के पीछे मजबूती से खड़े हैं. अगर बैंक संकट के समय किसानों को आर्थिक रूप से मदद नहीं करते हैं तो उन्हें बाकी तरीकों से पैसा जुटाना पड़ता है. यही कारण है कि लोग आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाते हैं. किसान जिंदा रहेगा, तभी हम सब जिंदा रहेंगे.
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सीएम शिंदे ने आगे कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को दी जाने वाली आर्थिक मदद को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. उनका कहना था कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर किसानों और सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने की रणनीति बनाई है. सीएम ने कहा कि बैंकों को किसानों के लाभ और कल्याण के लिए इन संस्थानों को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए.
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