भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखकर सरसों और तोरिया को सही कीमत दिलाने की मांग की है. चढ़ूनी ने अपने पत्र में लिखा है, किसानों की प्रदेश में सरसों/तोरिया की फसलें पक कर तैयार हो चुकी हैं जिसकी मंडियों में आवक भी शुरू हो चुकी है. प्रदेश की मंडियों में सरसों और राई न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी कम दामों पर लगभग 800 रुपये से 1200 रुपये प्रति क्विंटल कम पर बिक रही है जबकि हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का वायदा किया हुआ है.
चढ़ूनी ने अपने पत्र में लिखा है, सरकारी नीति के अनुसार सरसों/तोरिया की सरकारी खरीद 30 मार्च 2025 से शुरू की जाएगी तब तक तो किसानों की लगभग सारी फसल कम दामों पर बिक चुकी होगी और बिचौलिए खरीद चुके होंगे. फिर वे लोग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम रेट पर किसानों से खरीदी हुई फसल को सरकारी खरीद में बेचेंगे. सरकार की खरीद में देरी के कारण किसान की बजाय बिचौलियों को का फायदा होगा. ऐसे में हरियाणा सरकार से आग्रह है कि वह तुरंत प्रदेश की मंडियों में सरकारी खरीद शुरू करवाए ताकि सरकार के वादे के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का किसानों को पूर्ण लाभ मिल सके.
चढ़ूनी ने पत्र में लिखा है कि हरियाणा सरकार तुरंत कदम उठाए वरना किसानों को मजबूरीवश अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इसकी तमाम जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी. चढ़ूनी ने लिखा है, हम आशा करते हैं कि आपकी सरकार किसानों को आंदोलन करने के लिए मजबूर नहीं करेगी.
इस बार सरसों की बंपर उपज होने की उम्मीद है. इसके अलावा देश में बाहर से खाद्य तेलों का बड़े पैमाने पर आयात हो रहा है. इस वजह से सरसों के भाव में अभी से गिरावट देखी जा रही है. मंडियों में सरसों की कीमत एमएसपी से नीचे चल रही है जिसे लेकर किसान संगठनों ने अभी से आंदोलन की चेतावनी दे दी है.
हरियाणा में अभी सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है, लेकिन उसके पहले ही कुछ किसान मंडियों में अपनी उपज बेच रहे हैं. आरोप है कि बिचौलिए सरसों कम दामों पर खरीद कर रख रहे हैं जो बाद में एमएसपी पर इसकी बिक्री करेंगे. इसे लेकर चढ़ूनी ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है और तुरंत सरसों की खरीद शुरू करने की मांग की है.
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