हरियाणा मंत्रिमंडल ने गुरुवार को कॉन्ट्रैक्ट या संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने उनक रिटायरमेंट की आयु तक जॉब सिक्योरिटी तय करने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि इस कदम से करीब 1.20 लाख ऐसे कर्मचारियों को फायदा होगा जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं. विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले इस अध्यादेश का फैसला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया. कैबिनेट ने पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग 'बी' से संबंधित व्यक्तियों को आनुपात के आधार पर आरक्षण देने के लिए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की संबंधित धाराओं में संशोधन करने को भी अपनी मंजूरी दे दी.
सीएम सैनी ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र तक उनकी नौकरियों की सुरक्षा तय करने का फैसला लिया गया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह फैसला हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत काम करने वाले संविदा कर्मचारियों पर लागू होगा, जिसमें आउटसोर्सिंग नीति के तहत लगे कर्मचारी भी शामिल हैं. कैबिनेट ने हरियाणा संविदा कर्मचारी (कार्यकाल की सुरक्षा) अध्यादेश, 2024 लाने को मंजूरी दे दी. बयान में कहा गया है कि यह अध्यादेश संविदा कर्मचारियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाएगा और रिटायरमेंट की आयु तक उनकी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी देगा.
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अध्यादेश के अनुसार, राज्य सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम सहित कई राज्य विभागों में काम करने वाले सभी संविदा कर्मचारियों के लिए उनके रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के नियम बनाए हैं. 15 अगस्त 2024 तक पांच साल की सेवा पूरी करने वाले संविदा कर्मचारी इस फैसले के तहत योग्य होंगे. ऐसे कर्मचारियों को पदों के वेतनमान के बराबर बेसिक सैलरी मिलेगी. बयान में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, उनके समेकित मासिक पारिश्रमिक में हर साल जनवरी के पहले दिन और महंगाई भत्ते में वृद्धि के अनुरूप पहली जुलाई से वृद्धि की जाएगी.
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अध्यादेश में एक वर्ष की सर्विस के बाद संविदा कर्मचारियों के लिए समेकित मासिक पारिश्रमिक (Consolidated Monthly Remuneration) पर वार्षिक वेतन वृद्धि का नियम भी शामिल है. बयान में कहा गया है, 'ये कर्मचारी मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी फायदे के हकदार भी होंगे. इसके अलावा, उन्हें मैटेरनिटी एक्ट के तहत सभी फायदे भी दिए जाएंगे. पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु विस्तार योजना के तहत, संविदा कर्मचारियों के परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का फायदा भी दिया जाएगा. हालांकि, 50,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा कमाने वाले कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे.
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साथ ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत काम करने वालों को भी इससे बाहर रखा जाएगा. जिन लोगों ने पांच साल या उससे अधिक समय तक काम किया है, उन्हें समेकित पारिश्रमिक के अलावा उसी पद के न्यूनतम वेतन स्तर से पांच फीसदी अधिक वेतन मिलेगा. इसी तरह, जिन्होंने आठ साल या उससे अधिक समय तक काम किया है, उन्हें पारिश्रमिक के अलावा उसी पद के न्यूनतम वेतन स्तर से 10 फीसदी अधिक मिलेगा. जिन कर्मचारियों ने 10 साल या उससे अधिक समय तक काम किया है, उन्हें पारिश्रमिक के अलावा उसी पद के न्यूनतम वेतन स्तर से 15 फीसदी अधिक मिलेगा.
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