अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी से किसान आंदोलित हैं और पंजाब-हरियाणा की सीमा पर डटे हुए हैं. 29 फरवरी तक किसानों ने अपने मार्च को रोक दिया है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट बैन कर रखा था, जिसे आज से बहाल कर दिया गया है. हरियाणा सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया है. वहीं, दिल्ली के सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर को अस्थाई रूप से खोला गया है. यहां की सर्विस लाइन को खोला गया है ताकि राहगीरों को आवागमन की परेशानी से राहत मिल सके. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि आंदोलन की रणनीति को लेकर वह और अन्य किसान नेता आज शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा में 13 फरवरी से 7 जिलों में बंद चल रहीं इंटरनेट सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई हैं. बता दें कि हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क एसएमएस और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं आदि को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन, अब इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है.
पंजाब में कई जगहों पर इंटरनेट अभी भी बंद हैं. केंद्र सरकार के गृह विभाग के निर्देश पर पंजाब में उन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं 26 फरवरी तक बंद रखी जाएंगी, जहां पर किसान दिल्ली कूच के लिए इकट्ठा होकर बैठे हैं या उनके एक फिर से इकट्ठा होने की आशंका है.
पंजाब के जिन इलाकों में इंटरनेट बंद हैं उनमें पंजाब के पटियाला के शंभू पुलिस स्टेशन इलाके, जुलकन, पासियां, पातडां, समाना, घन्नौर, देवीगढ़ और बाडढ़ा पुलिस स्टेशन शामिल हैं.
बीते दिन शनिवार को अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने सिंघू और टिकरी बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि दोनों बॉर्डर पर सर्विस लाइन को खोला गया है. सिंघु और टिकरी बॉर्डर खुलने से दिल्ली से हरियाणा जाने वालों को राहत मिलेगी. 13 फरवरी को दोनों सीमाओं को सील कर दिया गया था. सुरक्षाबलों की तरफ से उनके मार्च को विफल करने के बाद हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर अंबाला के पास पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज शंभू और खनौरी में मोर्चों का 13वां दिन है. आज हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि WTO पर चर्चा होगी. हमने भारत सरकार से मांग की है कि सरकार कृषि क्षेत्र को WTO से बाहर निकाले. हम शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. 26 फरवरी की दोपहर में दोनों बॉर्डरों पर 20 फीट से ऊंचे पुतलों का दहन किया जाएगा. 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, SKM (गैर राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा. 28 फरवरी को दोनों मंच बैठेंगे और चर्चा करेंगे. 29 फरवरी को अगले कदम को लेकर फैसला किया जाएगा. हम प्रधानमंत्री मोदी से किसानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उस पर बोलने की मांग कर रहे हैं.
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