तेलंगाना में भारत राष्ट्रीय समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (केटीआर) ने कहा कि कांग्रेस का “अभय हस्तम” (समर्थन का हाथ) तेलंगाना के लोगों के लिए “भस्मासुर हस्तम” (विनाशकारी हाथ) बन गया है. चेवेल्ला निर्वाचन क्षेत्र के शाबाद में आयोजित रायतु दीक्षा में बोलते हुए केटीआर ने कांग्रेस नेताओं, खासकर रेवंत रेड्डी और राहुल गांधी की आलोचना की, जो वादे पूरे करने में नाकाम रहे और तेलंगाना के लोगों को धोखा दिया. केटीआर ने कहा, रेवंत सरकार राज्य के हर किसान को प्रति एकड़ 17,500 दे. 26 जनवरी से रायतु स्कीम का लाभ बटाईदार किसानों को भी मिलना चाहिए और राशि बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ होना चाहिए.
इसी के साथ केटीआर ने कहा कि 21 जनवरी को नलगोंडा में किसान विरोध प्रदर्शन शुरू होगा, उसके बाद जिला स्तरीय किसान बैठकें होंगी. किसानों के मुद्दे पर केटीआर ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और राहुल गांधी पर निशाना साधा. आइए जान लेते हैं कि किसानों के किन मुद्दों पर केटीआर ने रेवंत सरकार पर निशाना साधा.
केटीआर ने रेवंत रेड्डी के दिल्ली में गारंटी लागू करने के दावे का मजाक उड़ाया जबकि तेलंगाना में एक भी वादा पूरा नहीं करने का दावा किया. उन्होंने रेवंत के दावों को "सबसे बड़ा मज़ाक" बताया. केटीआर ने कहा कि रेवंत ने सीएम बनते ही किसानों के 2 लाख रुपये के कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अपने गांव कोंडारेड्डी पल्ले में भी ऐसा नहीं किया.
केटीआर ने मांग की कि कांग्रेस सरकार 26 जनवरी से रायतु बंधु की राशि बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ करे. 22 लाख काश्तकारों को रायतु बंधु का लाभ दिया जाए. मॉनसून सीजन के रायतु बंधु की बकाया राशि का भुगतान किया जाए. उन्होंने रेवंत रेड्डी पर राज्य के हर किसान को 17,500 रुपये प्रति एकड़ देने का वादा याद दिलाया और किसानों से आग्रह किया कि जब कांग्रेस नेता आगामी चुनावों में वोट मांगें तो वे इस राशि की मांग करें.
केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पर तेलंगाना की 1.6 करोड़ महिलाओं में से प्रत्येक को 30,000 रुपये का बकाया है, क्योंकि वह वादा किए गए 2,000 रुपये मासिक सहायता देने में फेल रही है. उन्होंने वादे के अनुसार 5 लाख दुल्हनों को 1 तोला (10 ग्राम) सोना देने में नाकाम रहने के लिए सरकार की आलोचना की, जिससे हर महिला को अनुमानित 70,000 रुपये दिया जाना है.
केटीआर ने कांग्रेस की नाकामियों के लिए उसकी आलोचना की, जिसमें किसानों की कर्जमाफी को लागू न करना भी शामिल है. केटीआर ने कहा कि कांग्रेस ने वित्तीय सहायता के झूठे आश्वासन देकर महिलाओं को गुमराह किया, तीन मौसमी रायतु बंधु भुगतान के उनके वादों को अनदेखा किया, तेलंगाना के किसानों के विरोध प्रदर्शनों को गलत तरीके से संभाला, जिसमें किसान नेताओं की गिरफ्तारी और उनके साथ दुर्व्यवहार शामिल है.
केटीआर ने घोषणा की कि 21 जनवरी को नलगोंडा में किसानों का एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके बाद सभी जिलों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी दी कि अगर वादे पूरे नहीं हुए तो उसे गंभीर चुनावी परिणाम भुगतने पड़ेंगे और कहा कि बीआरएस सरकार पर तब तक लगातार दबाव बनाए रखेगी जब तक कि वह अपने वादों को पूरा नहीं कर लेती.(अब्दुल बशीर की रिपोर्ट)
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