शंभू बॉर्डर पर इस साल फरवरी में किसानों ने जो विरोध प्रदर्शन शुरू किया था उसके 100 दिन पूरे हो गए हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पटियाला पहुंचने वाले हैं. पटियाला, पीएम मोदी की पंजाब में पहली चुनावी रैली का स्थल है. अब मंगलवार को जबसे प्रदर्शनकारी किसानों ने रैली स्थल की ओर मार्च की घोषणा की है तबसे ही पटियाला में हलचल बढ़ गई है. पीएम मोदी 23 और 24 मई को पंजाब में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे. पहली रैली 23 मई को पटियाला में और उसके बाद 24 मई को गुरदासपुर और जालंधर में होनी है.
किसान यूनियनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन की धमकी को ध्यान में रखते हुए, पटियाला प्रशासन व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने में व्यस्त है. प्रशासन साल 2022 में फिरोजपुर जैसी घटना से बचने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है. उस घटना में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर 30 मिनट तक बीच में ही रुका रहा था. विरोध की धमकी और इससे पीएम की रैली के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में पटियाला जिले के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
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पीएम की रैली के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने पटियाला और उसके आसपास 5,500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. रैली स्थल पोलो ग्राउंड की ओर जाने वाली सभी चार सड़कों को सील कर दिया गया है. प्रवेश की अनुमति केवल पुलिस द्वारा जारी सुरक्षा पास दिखाने पर ही दी जाएगी. पटियाला को जोड़ने वाली सड़कों पर भी बैरिकेडिंग कर दी गई है.
रैली स्थल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की गहन तलाशी ली जाएगी. पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाली शंभू सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन इस साल फरवरी में शुरू होने के 100 दिन पूरे हो गए हैं. आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर हजारों किसान-प्रदर्शनकारी, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से हैं, शंभू सीमा पर पहुंचना शुरू हो गए हैं. किसानों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 22 किसानों को श्रद्धांजलि देने की योजना बनाई है. इसमें दो महिलाएं और 22 साल के युवा किसान शुभकरण सिंह भी शामिल हैं.
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एमएसपी व्यवस्था को कानूनी दर्जा देने, डॉ. स्वामीनाथन के सी2 + 50 प्रतिशत फॉर्मूले को लागू करने, कर्ज माफी और प्रत्येक किसान को प्रति माह 10,000 रुपये की सुरक्षा पेंशन की मांग को लेकर इस साल फरवरी में विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था. किसान शंभू सीमा पर उनके खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए हरियाणा सरकार के खिलाफ भी आंदोलन कर रहे हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) नेताओं ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वे पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का शांतिपूर्वक विरोध करेंगे. प्रशासन ने किसानों को पटियाला रैली स्थल के पास विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के लिए गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब के पास एक जगह चुनने की पेशकश की थी लेकिन किसान नेताओं ने इसे अस्वीकार कर दिया और पोलो ग्राउंड के पास जगह देने पर जोर दिया.
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इस बीच, प्रधानमंत्री सुरक्षा विंग के अधिकारी भी पंजाब पुलिस के साथ बैठकें कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रैली मैदान में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था हो. बीजेपी ने किसानों से पीएम की रैली में विरोध न करने का आग्रह किया है. नेताओं ने किसान नेताओं से एक मांगपत्र लाने को कहा है जिस पर प्रधानमंत्री से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा. पंजाब बीजेपी प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा, 'विरोध प्रदर्शन करना और रैलियों को बाधित करना कोई समाधान नहीं है क्योंकि लोकतंत्र पार्टी के उम्मीदवारों को कैनवास और प्रचार करने का अधिकार देता है. उन्हें लोकतांत्रिक रास्ता अपनाना चाहिए.'
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