देश में जारी लोकसभा चुनावों के लिए किसान विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है. जहां पंजाब के कई हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवारों को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है तो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी ऐसी ही स्थिति खड़ी होने वाली है. ऐसी खबरें हैं कि पीएम मोदी की चंडीगढ़ में होने वाली रैली के दौरान किसान संगठन उनका विरोध करेंगे. इस ताजा घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए ही पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और अलर्ट पर है.
24 मई को पीएम मोदी पटियाला में एक मेगा रैली करने वाले हैं. इस रैली के साथ ही 24 मई को वह जालंधर और गुरदासपुर में भी रैलियां करेंगे. किसान यूनियनों ने इन रैलियों के बारे में जानकारी मिलते ही पीएम मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. प्रशासन जनवरी 2022 में हुई जैसी कोई भी घटना फिर से न हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है. जनवरी 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी. उस समय भी किसानों की तरफ से नाकाबंदी की गई थी जिसके कारण पीएम मोदी का काफिला लगभग 30 मिनट तक फिरोजपुर में एक फ्लाईओवर पर फंसा रहा था.
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किसान नेता रमिंदर ने कहा है, 'हमने अपनी योजना के बारे में पुलिस और जिला प्रशासन को पहले ही बता दिया है. हम पीएम के पटियाला दौरे के खिलाफ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना चाहते हैं. हमने यह फैसला इसलिए किया है क्योंकि बीजेपी सरकार स्वामीनाथन कमीशन की तरफ से प्रस्तावित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को पूरा करने में असफल रही है. रमिंदर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य हैं जो कई किसान संगठनों से मिलकर बना है. रमिंदर ने बताया कि विरोध की प्रकृति और इसका स्तर तय करने के लिए मंगलवार को लुधियाना के जगराओं में एक महापंचायत होगी.
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पंजाब और हरियाणा में बीजेपी उम्मीदवारों को अभियान के दौरान किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. एसकेएम के अलावा, शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने भी पीएम के दौरे का विरोध करने का फैसला किया है. पंजाब पुलिस हरकत में आ गई है और किसान यूनियनों के नेताओं से बातचीत कर रही है ताकि उन्हें प्रधानमंत्री के खिलाफ अपना विरोध वापस लेने के लिए राजी किया जा सके.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, 'हमें एमएसपी पर कानूनी गारंटी और भठिंडा के युवा किसान शुभ करण सिंह की हत्या सहित कई मुद्दों पर पीएम से जवाब चाहिए. हमें उनसे मिलने के लिए दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई है. अब, वह पटियाला आ रहे हैं, उन्हें हमसे मिलना चाहिए. अगर पुलिस किसान नेताओं को हिरासत में लेती है, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.'
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जालंधर में मोदी की रैली से पहले जिला प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के लिए जिले में नौ स्थानों की सूची जारी की है. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मेजर अमित महाजन (रिटायर्ड) ने कहा, 'पुडा मैदान, देश भगत यादगार हॉल, बर्ल्टन पार्क, जालंधर कैंट में दशहरा मैदान, करतारपुर सुधार ट्रस्ट, भोगपुर अनाज मंडी, कपूरथला रोड, सैफावाला अनाज मंडी और शाहकोट नगर पंचायत का परिसर विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान हैं.'
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