बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया. वे 72 वर्ष के थे और पिछले छह महीने से कैंसर से जूझ रहे थे. उनकी मृत्यु की खबर सूबे के मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने X पोस्ट के जरिये दी. दुख जारी करते हुए डिप्टी सीएम ने लिखा कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि. यह बिहार बीजेपी के लिए अपूरणीय क्षति है.'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशील मोदी को याद करते हुए लिखा, अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है. बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका मूल्यवान योगदान रहा है. आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए उन्होंने छात्र राजनीति में अलग पहचान बनाई थी. वे बेहद मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे. राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी. उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए. जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ओम शांति.
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनकी मृत्यु पर दुख जताया है. x पर पोस्ट करते हुए अमित शाह ने लिखा, हमारे वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के निधन की सूचना से आहत हूं. आज बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया. ABVP से बीजेपी तक सुशील जी ने संगठन और सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया. उनकी राजनीति गरीबों और पिछड़ों के हितों के लिए समर्पित रही. उनके निधन से बिहार की राजनीति में जो शून्यता उभरी है, उसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता. दुःख की इस घड़ी में पूरी भारतीय जनता पार्टी उनके शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. ॐ शांति'
इसके साथ राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की है. मंगलवार को पटना के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर लाया जाएगा.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पिछले महीने ही राजनीति से संन्यास लिया था. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये बताया था कि पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हैं. उन्होंने कहा था कि अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा. प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित.
सुशील मोदी जेपी आंदोलन के दौरान उभरे. 1971 में छात्र राजनीति की शुरुआत की. वहीं 1990 में 1990 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसके साथ ही धीरे-धीरे बिहार की राजनीति में इनका कद बढ़ता गया. वहीं 2004 लोकसभा चुनाव में भागलपुर से सांसद बने. 2005 में संसद सदस्यता पद से इस्तीफा देकर बिहार के उपमुख्यमंत्री बने. इसके साथ ही राज्य के वित्त मंत्री के पद पर भी काम किया. साल 2020 में एनडीए की सरकार राज्य में बनने के बाद उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया.
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