
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है, जिनसे उन्हें अलग-अलग तरह की सहायता मिलती रहती है. आज भी देश में बहुत से किसान ऐसे हैं, जो आर्थिक रूप से बेहद मजबूत नहीं हैं और खेती से उनकी आमदनी भी कुछ खास नहीं होती. ऐसे में किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है.

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सीमांत किसानों के लिए बड़ी सहारा साबित होती है. लेकिन काफी किसानों को कई महीनों से पीएम किसान की राशि नहीं मिल रही है. खासकर जब तीन किस्तें रुक जाएं तो दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाती है, और कई बार किसानों को इसकी वजह भी समझ नहीं आती. ऐसे में सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि रकम रुकती क्यों है.

किस्त रुकने की सबसे बड़ी वजह ई-केवाईसी अपडेट न होना होती है. अगर आपका आधार आपके बैंक खाते या पीएम किसान पोर्टल से जुड़ा नहीं है, तो आपके किस्म का पैसा सीधे खाते तक नहीं पहुंच पाता. कई बार नाम में छोटी सी गलती, गलत जन्मतिथि या दस्तावेजों में अंतर भी परेशानी पैदा कर देते हैं.

ऐसे में किसान आधार और बैंक से जुड़ी जानकारियां बिल्कुल सही होना जरूरी है. अगर तीन किस्तें नहीं आई हैं, तो आप तुरंत ऑनलाइन स्टेटस चेक करना चाहिए. पीएम किसान पोर्टल के स्टेटस सेक्शन में जाकर आसानी से पता चल जाता है कि भुगतान क्यों रुका है.

वहां यह साफ दिखाई देता है कि बैंक ने भुगतान लौटाया है, ई-केवाईसी बाकी है या फिर वेरिफिकेशन पूरा नहीं हुआ है. जैसे ही समस्या का कारण समझ में आए, उसे तुरंत ठीक कराना चाहिए, ताकि आगे की कोई किस्त अटके नहीं. इतना ही नहीं, रुकी हुई किस्तें भी बाद में एक साथ मिल सकती हैं.

बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारतीय किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने वाली स्कीम है. इस योजना को चलाने का मकसद हर जरूरतमंद और गरीब किसान को आर्थिक लाभ पहुंचाना है, ताकि उसे खेती-किसानी में कोई परेशानी न आए. इसके लिए पात्र किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.

वहीं, अब तक कुल 20 किस्तें जारी की जा चुकी हैं. बता दें कि 2 अगस्त 2025 को पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जारी की थी. वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक PM किसान की 21वीं किस्त दिसंबर में जारी होने वाली है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today