
कम्पोस्ट बनाने के लिए सब्जियों के छिलके, सूखी पत्तियाँ और घास का इस्तेमाल करें. कम्पोस्ट मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ाता है और मिट्टी की संरचना मजबूत करता है.

हरी खाद जैसे मूंग, उड़द, तिली आदि को खेत में उगाकर मिट्टी में मिला दें. यह मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाता है और मिट्टी को उपजाऊ बनाता है.

केंचुएँ जैविक कचरे को तोड़कर उच्च गुणवत्ता वाली खाद में बदल देते हैं. यह मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ाता है और पौधों को पोषण देता है.

मिट्टी की सतह पर पत्तियाँ, घास या लकड़ी की छाल डालें. यह मिट्टी की नमी बनाए रखता है, खरपतवार कम करता है और धीरे-धीरे मिट्टी में पोषक तत्व जोड़ता है.

सब्जियों के छिलके, फलों के अवशेष और चाय की पत्तियाँ सीधे मिट्टी में मिलाएं या कम्पोस्ट बनाएं. यह मिट्टी को उपजाऊ और स्वस्थ बनाता है.

गाय के गोबर में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम होता है. इसे मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की वृद्धि होती है.

नीम की खली मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और कीटों को दूर रखती है. यह मिट्टी में हानिकारक जीवाणुओं को कम करती है और पौधों की जड़ मजबूत करती है.

लकड़ी की राख में पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम होते हैं. इसे संयमित मात्रा में मिट्टी में मिलाएँ. यह पौधों को पोषण देती है और मिट्टी को उपजाऊ बनाती है.

अंडे के छिलकों में कैल्शियम और केले के छिलकों में पोटेशियम होता है. इन्हें पीसकर मिट्टी में मिलाएँ. यह पौधों की वृद्धि में मदद करता है.

चाय और कॉफी के बचे हुए पत्ते या अंश नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्व देते हैं. इन्हें मिट्टी में मिलाएँ या कम्पोस्ट बनाएँ.
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