भारतीय रसोई में मसाले की खूब डिमांड रहती है क्योंकि मसालों की खुशबू और जायके से भोजन में स्वाद बढ़ जाता है. ऐसा ही एक मसाला है जायफल, जिसकी डिमांड मार्केट में हमेशा रहती है. इसका पौधा सदाबहार होता है यानी हर मौसम में जायफल उगाया जा सकता है.
कुल मिलाकर किसानों के लिए जायफल की खेती मुनाफे का सौदा है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे जायफल को सिर्फ खेत में ही नहीं बल्कि गमले भी बड़ी ही आसानी से उगा सकते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि इसके पौधा लगाने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
जायफल को गमले में लगाने के लिए सबसे पहले आपको मिट्टी तैयार करनी होती है. इसके लिए दो मुट्ठी रेत, दो मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट, चार मुट्ठी नारियल का भूसा, दो मुट्ठी गार्डन की मिट्टी चाहिए और सभी को अच्छे से मिक्स कर लेना है. उसके बाद एक गमले में मिट्टी को भर दें.
गमले में मिट्टी को डालने के बाद जायफल की कटिंग या बीज को डालकर उसपर ऊपर से मिट्टी डाल दें और थोड़ा सा पानी का स्प्रे कर दें. फिर गमले को रखने के लिए ऐसी जगह को चुनें जहां हल्की सी छांव हो और सीधी धूप न आती हो. फिर आप कुछ महीनों में बाद देखेंगे कि आपके गमले में जायफल के पौधे आने शुरू हो गए.
बात करें पौधा लगाने के बाद उसके ध्यान रखने कि तो जायफल के बीज या कटिंग को यूरिया या जैविक उर्वरकों से उपचारित करें. साथ ही ये ध्यान रखें कि जायफल को छायादार जगह पर रखें. जहां कम धूप आती हो. बता दें कि इसके बीजों का अंकुरण और पौधा तैयार होने में करीब एक साल लगता है.
जायफल का पौधा लगाने के लिए, सुबह की धूप और दोपहर की छाया सबसे अच्छी होती है. वहीं, पौधा लगाने के बाद गमले में समय-समय पर पानी और खाद देते रहना चाहिए. इसके अलावा कुछ दिनों में पौधे की छंटाई करते रहना जरूरी होता है.
जायफल के पौधों को तैयार होने में 1 साल का समय लगता है. इसके कच्चे फलों का जैम, कैंडी और अचार बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इस वजह से जायफल की मांग हमेशा बनी रहती है. वहीं, इसके मसाले को स्वादिष्ट व्यंजनों में स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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