
हर साल सर्दियों में तापमान गिरने के कारण पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है. ठंड बढ़ते ही गमले या बगीचे की मिट्टी देर से सूखती है और पौधों की जड़ें सुस्त हो जाती हैं. ऐसे में पानी, धूप और खाद को लेकर की गई छोटी सी गलती से पौधे मुरझा सकते है.

इसलिए सही समय और सही मात्रा में देखभाल करना बेहद जरूरी हो जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सर्दियों में कुछ आम गलतियों से बचा जाए, तो पौधे ठंड के मौसम में भी हरे-भरे और स्वस्थ बने रह सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.

असमय पानी देने से बचें: सर्दियों में पौधों को पानी देने का समय बेहद अहम होता है. बार-बार समय बदलकर पानी देने से जड़ें तापमान के बदलाव को सहन नहीं कर पाती. ऐसे में ठंड के दिनों में सुबह 8 से 11 बजे के बीच पानी देना सबसे सही रहता है. शाम या रात में पानी देने से मिट्टी ठंडी हो जाती है, जिससे जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है.

धूप की कमी से पौधे को बचाएं: सर्दियों की धूप पौधों के लिए ऊर्जा का काम करती है. वहीं, पर्याप्त धूप न मिलने पर पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और फंगस का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए रोजाना पौधों को कम से कम 3 से 4 घंटे धूप में रखना जरूरी है. इंडोर पौधों को भी सप्ताह में 2 से 3 दिन धूप में रखें.

जरूरत से ज्यादा न दें खाद: ठंड के मौसम में पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है, इसलिए उन्हें अधिक खाद की जरूरत नहीं होती. इस दौरान 30 से 40 दिन में हल्की खाद देना पर्याप्त माना जाता है. ज्यादा खाद देने से जड़ें जल सकती हैं और पौधा पीला पड़ने लगता है, जिससे उसकी सेहत बिगड़ सकती है.

मिट्टी की करते रहें गुड़ाई: सर्दियों में मिट्टी सख्त हो जाती है, जिससे जड़ों तक हवा नहीं पहुंच पाती. इससे पौधे कमजोर हो सकते हैं. ऐसे में हर 10 से 15 दिन में हल्की गुड़ाई जरूर करनी चाहिए. इससे मिट्टी मुलायम रहती है, पानी सही ढंग से पहुंचता है और जड़ों को ऑक्सीजन मिलती है.

समय पर कटिंग करना जरूरी: अक्सर लोग पौधे तो लगा लेते हैं, लेकिन समय पर उनकी कटिंग नहीं करते. इससे टहनियां लंबी हो जाती हैं और पुराने पत्ते सूखने लगते हैं. सर्दियों में सही समय पर कटिंग करने से पौधे की ग्रोथ बेहतर होती है और नई शाखाएं तेजी से निकलती हैं.
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