एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो गाय और भैंस जैसे पशु खुश होने पर ज्यादा दूध देते हैं. वहीं, अगर ये परेशानी या तनाव में रहते हैं तो उत्पादन प्रभावित होता है, जो पशुपालक के लिए भी अच्छा नहीं है.
सर्दियों के मौसम में पशुओं पर विपरीत असर न हो इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाएं. तापमान के मुताबिक गाय-भैंस के लिए शेड का निर्माण करें या शेड बना है तो उसमें ठंड से बचने के उचित इंतजाम करें.
मौसम के हिसाब से गाय-भैंस के खानपान में बदलाव करना बेहद जरूरी है. इन्हें खुराक में दो प्रतिशत तक सरसों का तेल शामिल करना चाहिए. भरपूर मात्रा में हरा और सूखा चारा भी खुराक में शामिल करें. ज्यादा ठंडे मौसम में गुड़ का शीरा भी देना चाहिए.
पशुओं के खाने के साथ ही उनके बैठने की जगह का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है. गाय-भैंस के बिछावन की तापमान के हिसाब से व्यवस्था करना जरूरी है. शेड को मोटे पर्दे से कवर करने से ठंड से बचाव होगा.
ज्यादा ठंडे मौसम में तापमान गर्म रखने के लिए ब्लोअर और रेडिएटर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा पशुओं की पीठ को बोरी या कंबल से ढकना भी उन्हें सर्दी से बचाता है.
पशुओं को पीने के लिए हर समय ताजा और साफ पीने का पानी उपलब्ध कराएं और बीमारी जैसे लक्षण दिखने पर पशु चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज करें. साथ ही ध्यान रखें कि पशु गीले में न बैठें.
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