
कहते हैं कि मन में अगर दृढ़ इच्छा शक्ति और इरादे बुलंद हो तो ऐसा कोई भी काम नहीं, जो हो नहीं सकता हैं. ऐसा ही राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी उप खंड के डांग इलाके के नया पुरा गांव के रहने वाले एक किसान ने उद्यान विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर बंजर जमीन को कड़ी मेहनत के बाद उपजाऊ बना दिया. किसान राम लखन गुर्जर ने पहले जमीन को समतल किया और उसके बाद धौलपुर उद्यान विभाग में सम्पर्क कर सरकार की योजनाओं की जानकारी लेकर आवेदन किया.

धौलपुर उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर तनोज चौधरी ने किसान राम लखन गुर्जर से सोलर प्लांट, फार्म पोंड और वेंचुरी के लिए आवेदन कराए और उन्हें सब्सिडी दिलाई.इसके बाद किसान ने खेत में बोरिंग भी करा ली. किसान राम लखन गुर्जर ने बताया कि उसके पास साढ़े 18 बीघा जमीन थी, जो बंजर थी और कभी-कभार बड़ी मुश्किल से थोड़ी बहुत फसल होती थी. उन्होंने तीन साल पहले जमीन को समतल किया और धौलपुर उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर तनोज चौधरी से संपर्क कर सरकार की योजनाओं की जानकारी लेकर आवेदन किया था.

उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉक्टर तनोज चौधरी ने जमीन पर दस एचपी का सोलर प्लांट, फार्म पोंड और वेंचुरी की स्थापना करा दी. साथ ही बोरिंग भी करा ली. इसके बाद उद्यान विभाग की मदद उसने तीन बीघा खेत में कागजी नींबू और एक बीघा में मौसमी का बगीचा लगाया.

नींबू और मौसमी के पौधे बढे़ होने के बाद उन पर फल आना शुरू हो गया. किसान राम लखन ने बताया कि पौधों पर कागजी नींबू बारह महीने आता है और नींबू को दिल्ली, धौलपुर, आगरा की मंडियों में भेजा जाता है.

किसान ने बताया कि कागजी नींबू का छिलका मुलायम होता है और इसमें रस काफी होता हैं. इसका छिलका हाथ से भी छिल जाता है. किसान ने बताया कि पिछले एक साल से पौधों पर मौसमी भी आना शुरू हो गई हैं, जिनको भी मंडी में भेजा जा रहा है. नींबू की फसल से ढाई लाख रुपये और मौसमी की फसल से डेढ़ लाख रुपये की साल में आमदनी हो रही है.

उन्होंंने बताया कि दस एचपी के सोलर प्लांट से 24 घंटे निर्बाध बिजली और बोरिंग से पानी की समस्या दूर होने के बाद उन्होंने ढाई बीघा जमीन पर कपूर के पौधे लगाए, जो अब काफी बड़े हो गए हैं. साथ ही साढ़े तीन बीघा में सरसों, साढ़े सात बीघा में गेहूं और दो बीघा में पशुओं के लिए चारा उगाया है.

किसान राम लखन ने बताया कि उद्यान विभाग की मदद से लगाए गए वेंचुरी उर्वरक इंजेक्टर ड्रिप के माध्यम से वह खाद पानी के साथ फसलों को देते हैं. उन्होंने बताया कि पौधों और फसलों में वह वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने बताया कि पौधों की जड़ों तक सीधे पानी पहुंचाने के लिए पाइपों का जाल बिछाया है. पाइप में छेद होता है, जिससे बूंद-बूंद पानी फसल की जड़ में जाता है और मिट्टी में नमी रहती है. किसान राम लखन ने जिले के अन्य किसानो से अपील की है कि वह पारम्परिक खेती के साथ बागवानी भी करें, जिससे आपकी आय बढ़ेगी.

किसान राम लखन ने बताया कि उसको समय समय पर उद्यान विभाग द्वारा ट्रेनिंग भी दी और उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर तनोज चौधरी अपनी टीम के साथ मौके पर आकर निरीक्षण कर निर्देश भी देते रहते हैं. उनको जिला कलेक्टर द्वारा स्टेट लेवल पर प्रोत्साहित भी किया गया है. साथ ही पूसा दिल्ली में भी प्रोत्साहित किया जा चुका है. मुनाफे की रकम से उन्होंने एक ढाबा भी खोल लिया है.

धौलपुर उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉक्टर तनोज चौधरी ने बताया कि आरकेवाई के तहत किसान राम लखन ने दस एचपी का सोलर प्लांट लगवाया हैं. इसकी ढाई इंच डिलीवरी है, जिसकी यूनिट लागत साढ़े पांच लाख रुपये है और दो लाख 38 हजार रुपये की सब्सिडी थी. साथ ही बगीचा, ड्रिप सिस्टम और एक फार्म पोंड सब्सिडी के माध्यम से लगाए हैं.

उप निदेशक चौधरी ने बताया कि किसान राम लखन को बागवानी की खेती से तीन से चार गुना का लाभ हो रहा है. सोलर प्लांट से किसान को 24 घंटे बिजली मिल रही हैं. उन्होंने बताया कि जो भी किसान सरकारी योजनाओं का लाभ लेता हैं उनको समय समय पर ट्रेनिंग दी जाती हैं और बागवानी का भी निरीक्षण करते हैं. (उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)
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