महाराष्ट्र में फसलों के गिरते दाम और खाद, बीज की बढ़ती कीमतों के कारण खेती घाटे में चल रही है. ऐसे में हिंगोली जिले के ताकतोडा गांव के किसान राहुल कव्हर ने कम बजट में ज्यादा मुनाफा देने वाले अमेरिकी चिया बीज की खेती शुरू की है. पिछले साल किसान राहुल ने चिया की खेती कर 1 एकड़ में 1 लाख का मुनाफा कमाया था.
वहीं, इस साल किसान ने अपने दो एकड़ खेत में चिया की फसल लगाई है. इस साल चिया बीज का अच्छा भाव होने के कारण 2 एकड़ में किसान को 4 लाख के करीब मुनाफा होने की उम्मीद है. किसान राहुल के पास 9 एकड़ पुश्तैनी जमीन है. राहुल पहले सोयाबीन, तुअर, चने की खेती करते थे. मगर दिन रात की मेहनत के बावजूद फसलों के गिरते दाम और बढ़ती महंगाई और आसमानी संकट के कारण उनकी खेती घाटे में चल रही थी.
इस बात से किसान राहुल काफी परेशान थे. एक दिन किसान राहुल विदर्भ में चल रहे कृषि सम्मेलन कार्यक्रम में गए. वहां पर उन्होंने चिया सीड्स के बारे में सुना. उसके बाद उन्होंने चिया बीज के उत्पादन को लेकर जानकारी इकट्ठा की. उसके बाद उन्होंने चिया बीज की खेती करनी शुरू की.
फसल की अच्छी सिंचाई और देखभाल करने के बाद उन्हें पिछले साल एक एकड़ में 1 लाख रुपये का मुनाफा मिला था. इस साल उन्होंने अपने दो एकड़ खेत में चिया बीज का उत्पादन किया है. किसान राहुल कहते हैं कि इस बार उनकी फसल भी अच्छी है और बाजार में भाव में अच्छे चल रहे हैं. इस लिहाज से उन्हें चिया बीज से 4 लाख रुपये कमाई होने की उम्मीद है.
किसान राहुल कव्हर के मुताबिक, चिया सीड्स की बुवाई के लिए अक्टूबर और नवंबर महीने का मौसम सबसे अच्छा मना जाता है. चिया की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं. मगर अच्छे उत्पादन के लिए बढ़िया जलनिकास वाली हल्की भुरभुरी और रेतीली मिट्टी उपयुक्त होती है. चिया कि बुवाई करने के बाद फसल पर किसी भी प्रकार के खाद या दवाइयों की ज्यादा जरूरत नहीं होती है.
इसके कारण इस फसल के लिए ज्यादा लागत भी नहीं लगती है. अगर जमीन सामान्य हो तो उसे कम से कम छह बार सिंचाई करना जरूरी है. चिया की एक खास बात है कि यह वनस्पति पौधा होने से इस पर मौसम में हो रहे उतार चढाव का कोई असर नहीं होता है. इसे जंगली जानवर भी नहीं खाते.
दरअसल, चिया एक अमेरिकी बीज है. मगर भारत की जमीन पर उगाई गई फसल गुणवत्ता के मामले में अच्छी होने के कारण और प्रति एकड़ के हिसाब से अधिक उपज देने के कारण इस बीज की ज्यादा मांग आ रही है. इस बीज का उपयोग शुगर की दवाइयों और हार्ट से संबंधित दवाइयां बनाने में किया जाता है.
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