धान के कटोरे के रूप में विख्यात पूर्वी उत्तर प्रदेश का चंदौली अब मत्स्य पालन की दिशा में भी इतिहास रचने के लिए तैयार है. यहां पर तकरीबन 60 करोड़ से ज्यादा की लागत से एशिया की सबसे बड़ी मछली मंडी बनाया गया है.
इस नवनिर्मित मछली मंडी का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया. यह देश का पहला स्टेट ऑफ द आर्ट होलसेल फिश मार्केट है, जिसमे पूर्वांचल के मछली पालकों को एक ही छत के नीचे अलग-अलग प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलेगा.
इस मंडी में मछली पालन से संबंधित सभी जरूरी संसाधन जैसे सीड्स, फीड्स, दवाएं, चारा और उपकरण एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे. इसमें मछली का होलसेल और रिटेल मार्केट, मछली पालन के तरीकों, मार्केटिंग, तकनीक, एक्सपोर्ट से लेकर मछली के कई प्रकार के डिशेज़ के जायके भी उपलब्ध होंगे.
इसके अलावा, प्रशिक्षण के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल और प्रोसेसिंग यूनिट जैसी सुविधाएं भी यहां मौजूद हैं. वहीं, मछली पालन की नई तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए एक आधुनिक एग्जीबिशन हॉल भी बनाया गया है, जहां मत्स्य पालक नवीनतम तकनीकों को देखकर सीख सकेंगे.
इस मंडी के बनने से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चंदौली की मछलियों की मांग बढ़ेगी. इस मंडी में 111 दुकानें होंगी. पूरी इमारत सेंट्रली वातानुकूलित होगी, जिसमे ऊर्जा संरक्षण के लिए 400 किलोवाट का सोलर पावर सिस्टम स्थापित किया गया है.
मछलियों की दुर्गंध को नियंत्रित करने और सॉलिड-लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. ट्रक ड्राइवरों के लिए गेस्ट हाउस की सुविधा भी उपलब्ध है. बताते चलें कि चंदौली की यह मछली मंडी कनेक्टिविटी के लिहाज से भी बेहद सुविधाजनक स्थान पर स्थित है.
बता दें कि पहले जहां 20 फीसदी मछलियां खराब जाती थीं.वहीं, अब आधुनिक परिवहन और सुविधाओं के कारण यह नुकसान 5 फीसदी से भी कम होने की उम्मीद है. यह अल्ट्रा मॉडर्न मछली मंडी न केवल मछली पालन को बढ़ावा देगी, बल्कि पूर्वांचल को वैश्विक मछली बाजार में एक मजबूत स्थान दिलाएगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today