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Potato prices: आलू की कीमतों में लगी है आग, जुलाई में 50 रुपये तक पहुंच सकता है भाव

Potato prices: आलू की कीमतों में लगी है आग, जुलाई में 50 रुपये तक पहुंच सकता है भाव

आलू की पैदावार उत्तर प्रदेश में 25 से 30 फ़ीसदी कम हुई है. इसके चलते आम लोगों को इसका खामियाजा महंगी कीमत देकर चुकाना पड़ रहा है. आलू व्यापारियों के मुताबिक आलू की कीमतों में 10 परसेंट तक बढ़ोतरी हुई है और आगे भी दाम बढ़ाने के आसार हैं. आलू व्यापारियों का यही कहना है कि यही हाल रहा तो जुलाई-अगस्त में आलू की कीमतें 50 रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं. 

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पूरे देश में सबसे ज्यादा आलू की पैदावार उत्तर प्रदेश में ही होती है, लेकिन इस बार यहां के किसानों को मायूसी हाथ लगी है. जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार आलू ने किसानों को मायूस किया है. आलू की पैदावार उत्तर प्रदेश में 25 से 30 फ़ीसदी कम हुई है. इसके चलते आम लोगों को इसका खामियाजा महंगी कीमत देकर चुकाना पड़ रहा है. आलू व्यापारियों के मुताबिक आलू की कीमतों में 10 परसेंट तक बढ़ोतरी हुई है और आगे भी दाम बढ़ाने के आसार हैं.

कोल्ड स्टोरेज से लगातार आलू की निकासी जारी है ताकि घरेलू खपत को पूरा किया जा सके. वर्तमान में बाजारों में आलू के दाम 35 से लेकर 40 रुपये प्रति किलो तक हो गए हैं जो कि पिछले साल के मुकाबले 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक ज्यादा है. आलू व्यापारियों का कहना है कि यही हाल रहा तो जुलाई-अगस्त में आलू की कीमतें 50 रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं. 

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आखिर क्यों महंगा हुआ आलू?

उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस बार आलू का उत्पादन 240 लाख टन हुआ है जो कि पिछले बार से कम है. उनका साफ कहना है कि दाम बढ़ाने की उम्मीद लगाए बैठे व्यापारी अभी कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी नहीं कर रहे हैं. नई फसल का आलू आने में समय है.

प्रदेश के कोल्ड स्टोर में फिलहाल 140 लाख टन आलू का भंडारण हो चुका है. लखनऊ स्थित नवीन मंडी के थोक आलू व्यापारी अजय सोनकर का कहना है किसानों से अधिकांश आलू की खरीद कर कोल्ड स्टोरेज में भंडारण हो चुका है. इस बार आलू की फसल की खुदाई समय से हुई लेकिन उत्पादन में 40 फ़ीसदी तक गिरावट हुई है. इस बार गर्मी बढ़ने पर आलू की कीमतें भी बढ़ेंगी. वही बारिश के मौसम में आलू की कीमतें रिकॉर्ड बना सकती हैं.

कोल्ड स्टोरेज में आलू की जमाखोरी

यूपी के आगरा मंडल में सबसे ज्यादा कोल्ड स्टोरेज मौजूद है. उद्यान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार कोल्ड स्टोरेज में 140 लाख टन के करीब आलू का भंडारण हुआ है लेकिन खपत के मुकाबले निकासी कम हो रही है. इस वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. आलू व्यापारी कीमतों को बढ़ाने के लिए कोल्ड स्टोरेज से कम मात्रा में निकासी कर रहे हैं जिससे आलू के दाम बढ़ रहे हैं. वहीं फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद अग्रवाल का कहना है कि आलू की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक कम हो रहा है क्योंकि आलू की निकासी जारी है. मांग और आपूर्ति में अंतर है जिसके चलते कीमतें बढ़ रही हैं. हालांकि आने वाले हफ्तों में आलू की कीमतों में 10 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है.