scorecardresearch
पुलिस की नौकरी करते हुए लगा दिए 1000 पेड़, आम लोगों की मदद के लिए बनाई ग्रीन आर्मी

पुलिस की नौकरी करते हुए लगा दिए 1000 पेड़, आम लोगों की मदद के लिए बनाई ग्रीन आर्मी

सिपाही बंटी धाकड़ ने जनसहयोग से पानी की टंकी, जैविक खाद और ट्री गार्ड जाली की व्यवस्था की है. पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने और उनकी देखरेख में मदद लेने के लिए बंटी धाकड़ ने एक ग्रीन आर्मी बनाई है जिसमें वकील, पुलिस अधिकारी, बिजनेसमैन, छात्र और समाजसेवी शामिल हैं. अपने संपर्क के लोगों के जन्मदिन पर वे पौधे लगवाते हैं और फिर अपने स्तर पर देखरेख करते हैं.

advertisement
पुलिस कांस्टेबल बंटी धाकड़ पुलिस कांस्टेबल बंटी धाकड़

मध्य प्रदेश में एक ऐसे कांस्टेबल हैं जिन्होंने अपना पूरा समय पेड़-पौधों की सेवा में लगा दिया है. इन्होंने पर्यावरण और उसकी सुरक्षा के लिए सरकारी नौकरी से समझौता किया है. इस कांस्टेबल ने पिछले छह साल में एक हजार से अधिक पौधे लगाए हैं. इनका नाम है बंटी धाकड़. बंटी ने थानों में पोस्टिंग न कराकर ऑफिस में खुद को अटैच कराया है ताकि वे पेड़-पौधों की सेवा कर सकें. उन्हें जब भी मौका मिलता है, वे पेड़ पौधों की देखरेख में लग जाते हैं. इनकी पढ़ाई पीजी तक हुई है और पिता खुद किसान हैं. 

बंटी धाकड़ ने जनसहयोग से पानी की टंकी, जैविक खाद और ट्री गार्ड जाली की व्यवस्था की है. पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाने और उनकी देखरेख में मदद लेने के लिए बंटी धाकड़ ने एक ग्रीन आर्मी बनाई है जिसमें वकील, पुलिस अधिकारी, बिजनेसमैन, छात्र और समाजसेवी शामिल हैं. अपने संपर्क के लोगों के जन्मदिन पर वे पौधे लगवाते हैं और फिर अपने स्तर पर देखरेख करते हैं. बंटी धाकड़ की मेहनत का नतीजा है कि आज पुलिस लाइन ग्राउंड और आसपास के इलाकों में उनके लगाए पेड़ लहलहा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: UP News: यूपी में फसल नुकसान के लिए 23 करोड़ रुपये का एडवांस मंजूर, किसानों को तुरंत मिलेगा मुआवजे का पैसा

सिपाही बंटी धाकड़ की कहानी

बंटी आगर मालवा जिले की पुलिस में नौकरी करते हैं ओर वे पुलिस विभाग में सिपाही हैं. बंटी को कई वर्षों पहले लगा कि हरियाली और पेड़ पौधों का कितना महत्व है. बस यही सोचकर आज उनका आधा से ज्यादा दिन पौधों की रक्षा और देख रेख में लगा रहता है. दरअसल, बंटी ने कुछ साल पहले कुछ पौधे लगाए और उन्हें सींचने लगे. मगर उनका कारवां तब बढ़ा जब सोशल मीडिया का सहारा लेकर बंटी ने एक ग्रुप बनाया. ग्रुप का नाम दिया ग्रीन आर्मी.

सिपाही बंटी ने इस ग्रुप में जिले के अधिकारी, प्रबुद्ध जन, व्यापारी और आम लोगों को जोड़ना शुरू किया. बंटी ने लोगों को जोड़ा ओर उनके जन्मदिन, शादी की सालगिरह और अन्य विशेष दिन पर लोगों को आगे आकर पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया. आज हर कोई आगे आकर पौधे लगा रहा है. पौधों की सेवा के लिए बंटी ने अपना खास तरह का रूटीन भी बना रखा है. वे सुबह उठते ही सबसे पहले पौधों की सिंचाई करते हैं.

ये भी पढ़ें: योगी सरकार ने किसानों के लिए बिजली बिल किया जीरो, ट्यूबवेल से मुफ्त सिंचाई की हुई घोषणा, होली की दी सौगात

रंग लाई सिपाही की मेहनत

सिंचाई में पहले परेशानी होती थी क्योंकि इसकी कोई अच्छी व्यवस्था नहीं थी. फिर उन्होंने आम लोगों और समाजसेवियों की मदद से पानी की टंकियां लगवाईं. इन टंकियों में टैंकर से पानी भरा जाता है, फिर उसी पानी से पौधों को पानी देने का काम किया जाता है. पानी बर्बाद न हो, इसके लिए पुलिस विभाग की ओर से ड्रिप तकनीक लगवाई है. छोटे पौधों की सुरक्षा के लिए बंटी ने खुद ही कई तरह की व्यवस्था की है. पुलिस लाइन हो या थाना, महाविद्यालय हो या खेल मैदान, सब जगह आज उनकी मेहनत से लगाए पौधे दिख रहे हैं.(प्रमोद कारपेंटर की रिपोर्ट)