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कोयंबटूर में चिकन और अंडा खाने से क्यों कतरा रहे हैं लोग, आखिर किस बात का है डर!

कोयंबटूर में चिकन और अंडा खाने से क्यों कतरा रहे हैं लोग, आखिर किस बात का है डर!

कोयंबटूर की तरह, नीलगिरी जिला प्रशासन ने भी एहतियाती कदम उठाए हैं और अधिकारियों ने नीलगिरी को केरल और कर्नाटक से अलग करने वाली आठ अंतरराज्यीय सीमा चौकियों में से किसी के माध्यम से किसी भी मुर्गी के प्रवेश को रोकने के लिए पहल की है.

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बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत. (सांकेतिक फोटो) बर्ड फ्लू से लोगों में दहशत. (सांकेतिक फोटो)

केरल के अलाप्पुझा जिले में HI51 बर्ड फ्लू फैलने की सूचना के बाद, तमिलनाडु में पशुपालन विभाग ने राज्य में वायरस को फैलने से रोकने के लिए सख्त उपाय किए हैं. अधिकारियों ने कहा कि केरल से पोल्ट्री को कोयंबटूर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा तमिलनाडु-केरल सीमा पर केरल से तमिलनाडु में आने वाले वाहनों पर कीटाणुनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं, अलाप्पुझा जिले में बर्ड फ्लू फैलने से कोयंबटूर में चिंताएं बढ़ गई हैं. ऐसे में लोग चिकन और अंडा तक खाने से कतरा रहे हैं.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नामक्कल जिला को तमिलनाडु का मुर्गी पालन केंद्र माना जाता है. ऐसे में यहां पर पोल्ट्री उत्पादों की सुरक्षा को लेकर जनता के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं. आशंकाओं को दूर करते हुए, पोल्ट्री किसान संघ ने टीएनआईई को बताया कि अंडे और चिकन निर्यात में कोई व्यवधान नहीं आया है. एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले महीने चौंका देने वाले 15 करोड़ अंडे निर्यात किए गए. संपर्क करने पर, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सी नारायणन ने बताया कि नामक्कल जिले में अब तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है.

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प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य

उन्होंने कहा कि नमक्कल में आंडुला गेट पर पोल्ट्री रोग निदान प्रयोगशाला में पोल्ट्री मुर्गियों का नियमित परीक्षण किया जाता है. इसके अलावा, जिला कलेक्टर एस उमा के निर्देशों के तहत पशु चिकित्सकों द्वारा सभी फार्मों की बारीकी से निगरानी की जाती है. सी नारायणन ने कहा कि किसी भी प्रकोप को रोकने के लिए कड़े उपाय लागू किए गए हैं. पोल्ट्री फार्मों में काम करने वाले कर्मचारियों को काम करते समय उचित स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है.

पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया

इस बीच, कोयंबटूर जिला प्रशासन ने केरल से सभी पोल्ट्री, पोल्ट्री उत्पादों और बत्तखों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कोयंबटूर-केरल सीमा पर वालयार, नादुपुनी, अनाइकट्टी, मुल्ली आदि सहित सभी 12 चेक पोस्टों पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी है. केरल से आने वाले वाहनों की हर समय जांच के लिए तीन टीमें तैनात की गई हैं. प्रत्येक टीम में एक पशु चिकित्सा सहायक सर्जन, एक पशु चिकित्सा निरीक्षक और दो पशु चिकित्सा सहायक शामिल होते हैं, जिनकी देखरेख एक नोडल अधिकारी करता है.

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क्लोरीन डाइऑक्साइड का छिड़काव

जिला पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक (रोग खुफिया इकाई) के गीता ने बताया कि उन्हें चेन्नई मुख्यालय द्वारा गुरुवार शाम को बर्ड फ्लू के प्रकोप के बारे में सूचित किया गया था. उन्होंने कहा कि इसके आलोक में उन्होंने निरीक्षण तेज कर दिया है और पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों, बत्तखों को ले जाने वाले किसी भी वाहन को केरल से कोयंबटूर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा, जब तमिलनाडु के मुर्गे, अंडे और अन्य सामान केरल ले जाने वाले वाहन वापस आते हैं, तो वे वाहन को क्लोरीन डाइऑक्साइड से अच्छी तरह से साफ करते हैं और उन्हें प्रवेश देते हैं.