केंद्र सरकार किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी और अधिक उत्पादन के लिए फसलों के लिए अलग-अलग क्लस्टर बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसका मतलब है कि अनुकूल जलवायु वाले इलाके में एक ही तरह की फसलों के उत्पादन पर सरकार का जोर है. योजना के तहत बागवानी फसलों की तरह ही कृषि फसलों को क्लस्टर बेस्ड विकास पर काम किया जा रहा है. किसानों को क्लस्टर बेस्ड फसलों के उत्पादन के लिए सरकार से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. क्लस्टर बेस्ड फसल उत्पादन के जरिए से सरकार को देश में फसल योजना शुरू करने में भी मदद मिलेगी.
कृषि क्षेत्र को और विकसित करने के लिए केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को संशोधित करने की तैयारी में जुटी है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार देश में विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग क्लस्टर बनाकर उपज हासिल करने पर जोर दे रही है. इससे किसानों को फायदा होगा, क्योंकि वे अपनी उपज को घर से ही बेच सकेंगे. उद्योग और प्रोसेसर कच्चे माल की सोर्सिंग के लिए अपने इलाके के किसानों से फसल हासिल कर सकेंगे.
रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि बागवानी फसलों की तरह ही कृषि फसलों का क्लस्टर बेस्ड विकास शुरू किया जाएगा. जब एक क्लस्टर बनता है तो एक निश्चित इलाके के भीतर किसान एक ही फसल उगाते हैं. इससे आसान उपलब्धता और अधिक मात्रा के कारण खरीदार उनकी फसल को खरीदने में रुचि दिखाते हैं और घर से ही सही दाम किसानों को मिल जाता है. किसानों की माल ढुलाई, देखरेख समेत अन्य कार्यों में आने वाली लागत भी घट जाती है.
किसानों को क्लस्टर बेस्ड फसल उपज को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का एकमात्र तरीका यह है कि उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा. यह स्कीम, नकद राशि या किसी और तरह से दिया जा सकता है. निजी कंपनियां किसी विशेष क्षेत्र से खरीदारी करना पसंद करती हैं अगर उन्हें बड़ी मात्रा में कोई उपज मिलने का भरोसा हो जाता है. क्लस्टर बेस्ड फसल उत्पादन के जरिए से सरकार को देश में फसल योजना शुरू करने में भी मदद मिलेगी.
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