अलग-अलग मांगों को लेकर किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी है. इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर भी पिछले तीन महीनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. ऐसे में व्यापारियों और भारतीय रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है. हर दिन उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के विरोध के कारण हो रहे नुकसान पर पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने कहा कि हर दिन 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रतिनिधि सुनील मेहरा और आयुष अग्रवाल ने कहा कि पंजाब से दिल्ली की ओर जाने वाले सभी ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा है.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार सुनील मेहरा ने दावा किया कि किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन के तहत पिछले तीन महीनों से शंभू बॉर्डर के अलावा सड़कों और रेलवे पटरियों को जाम कर दिया है. ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं. इसके कारण ट्रेनों में देरी हुई है, साथ ही यात्रियों को इस गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शंभू बॉर्डर स्टेशन के पास किसानों के रेल रोको आंदोलन का असर लगातार बढ़ रहा है. सोमवार तक के लिए जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 2316 ट्रेनों पर रेल रोको आंदोलन का असर पड़ा है. इनमें 436 मेल एक्सप्रेस ट्रेन और 517 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.
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इनके अलावा 221 मालगाड़ियों के रूट को डायवर्ट किया गया है और 187 से अधिक ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है. जबकि कुछ ट्रेनों के रूट बदले गए हैं. भरी गर्मी में ट्रेनों का शेड्यूल गड़बड़ाने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अंबाला रेलवे स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण 2316 गाड़ियां प्रभावित हुई हैं. स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में लंबी दूरी के यात्रियो की परेशानियों के देखते हुए रेलवे अलग से ट्रेनों का संचालन कर रहा है.
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17 अप्रैल से किसान अपने तीन किसान साथियों की रिहाई की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन का आज 14वां दिन हैं. इसका सीधा असर रेल सेवा और व्यापार पर पड़ा है. अंबाला के आस-पास के कपड़ा व्यापारियों पर इसका असर पड़ा है क्योंकि वे अपना माल दूसरे जगहों पर नहीं भेज पा रहे हैं और ना ही बाहर से व्यापारी उनके पास कपड़ा खरीदने के लिए आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर कई ऐसे यात्री बेठे देखे गए जो लगभग 24 घंटे से अधिक समय से अपने ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. परेशान यात्रियों का कहना था कि सरकार को इस समस्या का कोई समाधान निकालना चाहिए.
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