Maharashtra: ठाणे में जमीन खरीद मामले में किसानों से लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा, अभी तक नहीं हुई गरिफ्तारी

Maharashtra: ठाणे में जमीन खरीद मामले में किसानों से लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा, अभी तक नहीं हुई गरिफ्तारी

ठाणे पुलिस ने एक सहकारी ऋण समिति के अध्यक्ष और इसके कर्मचारियों के खिलाफ जमीन खरीदने के लिए किसानों को लोन देने का वादा करके उनसे 14.59 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. हालांकि अभी तक इस मामले कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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ठाणे में जमीन खरीद मामले में किसानों से लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा, अभी तक नहीं हुई गरिफ्तारीMaharashtra Police. (Photo: X/@MHPolice)

महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने एक सहकारी ऋण समिति के अध्यक्ष और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि नवी मुंबई में संयुक्त रूप से जमीन खरीदने के लिए लोन का वादा करके किसानों के एक समूह से आरोपियों ने 23 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. जब किसानों के समूह ने इसको लेकर दबाव बनाया तो आरोपियों ने करीब 12 लाख रुपये लौटा दिए थे, मगर बाकी की राशि चपत कर गए. पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. सहकारी ऋण समिति के अध्यक्ष ने किसानों के इस समूह को कुल 6 करोड़ रुपये का लोन देने का वादा किया था. 

ये है धोखाधड़ी का पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि 14 किसानों के एक समूह ने मिलकर नवी मुंबई के नेवली में 3.46 करोड़ रुपये में एक जमीन का टुकड़ा खरीदा था. जमीन का भुगतान पूरा करने के लिए, उन्होंने लोन के लिए सहकारी ऋण समिति से संपर्क किया था. सीबीडी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सहकारी ऋण समिति के अध्यक्ष ने किसानों को 6 करोड़ रुपये का लोन (भुगतान और प्लॉट विकास के लिए) देने का आश्वासन दिया था. लेकिन, उन्होंने कथित तौर पर प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क के रूप में 24 लाख रुपये मांगे और किसानों से 23 लाख रुपये वसूल लिए. उन्होंने कहा कि किसानों के प्रतिनिधि को ऋण स्वीकृति पत्र, डिमांड ड्राफ्ट और संबंधित दस्तावेजों के स्क्रीनशॉट दिखाए गए, लेकिन लोन नहीं वितरित किया गया. 

अध्यक्ष के साथ स्टाफ ने भी जमकर ऐंठे पैसे

अधिकारी ने बताया कि इस बीच, क्रेडिट सोसाइटी के अन्य कर्मचारियों ने भी तरह-तरह के बहानों से पैसे की मांग की और कथित तौर पर उनसे 4.09 लाख रुपये ले लिए. उन्होंने बताया कि जब इस बारे में पूछताछ की गई, तो क्रेडिट सोसाइटी के अध्यक्ष ने 12.5 लाख रुपये लौटा दिए, लेकिन बाकी का पैसा वापस नहीं किया. उन्होंने बताया कि कथित धोखाधड़ी अगस्त और अक्टूबर 2024 के बीच हुई.

पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि इस धोखाधड़ी के बाद किसानों के प्रतिनिधि ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर रविवार को सहकारी ऋण समिति के अध्यक्ष और तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया. हालांकि अधिकारी ने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. कथित वित्तीय धोखाधड़ी की जांच अभी जारी है. (सोर्स- PTI)

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