
हरियाणा के सिरसा के चौपटा क्षेत्र में साल 2022 खरीफ की फसल के बीमा क्लेम की मांग को लेकर कई किसान धरने पर हैं. इन किसानों का धरना पिछले तीन महीने से चल रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को इन धरनारत किसानों ने बड़ा फैसला किया. बीमा क्लेम नहीं मिलने के विरोध में बुधवार को चार किसान गांव नारायण खेड़ा के जलघर की टंकी पर चढ़ गए और विरोध प्रदर्शन किया. वहीं बड़ी संख्या में किसान उनके समर्थन में नीचे भी बैठे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक उनके बीमा क्लेम की राशि उनके खातों में नहीं आती है, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. इन किसानों का कहना है कि वे टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे.
किसानों ने अपनी मांग में टंकी पर चढ़ कर वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया में शेयर भी किया है. इस घटना के बाद सिरसा के उप कृषि निदेशक डॉक्टर बाबूलाल ने बताया कि बीमा कंपनी की तरफ से क्लेम को लेकर कुछ सवाल उठाए गए थे. इसके बाद यह मामला भारत सरकार की टेक्निकल कमेटी के पास चला गया है. इस कारण बीमा का क्लेम मिलने में थोड़ी देरी हो गई है. अपने वीडियो में किसानों ने कहा कि वे कई महीने से बीमा का पैसा मांग रहे हैं, पर उनकी मांग नहीं मानी गई. अंत में उन्हें कड़ा फैसले लेते हुए टंकी पर चढ़ना पड़ा. किसान तब तक टंकी से नहीं उतरेंगे जब तक उनका पैसा नहीं मिल जाता. किसानों ने टंकी पर से अपनी बात का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया.
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर किसान नेता भरत सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन की वादाखिलाफी के खिलाफ चार किसान टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये चारों किसान बीमा क्लेम की मांग को लेकर टंकी पर चढ़ गए हैं. किसान नेता भरत सिंह का कहना है कि किसान पिछले तीन महीने से क्लेम की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. भरत सिंह ने कहा कि धरना देने वाले किसान पूरे इंतजाम के साथ टंकी पर गए हैं और जब तक क्लेम की राशि उनके खाते में नहीं आती, उनका प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.
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वही किसान अमन ने बताया कि गांधीवादी तरीके से वे काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है. मजबूरन चार किसानों को बुधवार को बीमा क्लेम के पैसे की मांग को लेकर टंकी पर चढ़ना पड़ा. उनका कहना है कि जब तक उनकी राशि उनके खातों में नहीं आ जाएगी, किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. इन किसानों का कहना है कि पिछले साल खरीफ में खराब हुई फसल का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है जबकि वे कई महीने से इसका आवेदन दे चुके हैं. लेकिन प्रशासन और बीमा कंपनी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
उधर उप कृषि निदेशक बाबूलाल ने बताया कि खरीफ 2022 की फसल का क्लेम देने वाली कंपनी ने इसमें कुछ क्वेरी लगा दी है. इस कारण से अब यह मामला 17 जुलाई को भारत सरकार की टेक्निकल कमेटी के पास पहुंच गया है. बाबूलाल ने बताया कि जब भी टेक्निकल कमेटी की मीटिंग होगी, उसके बाद जल्द ही किसानों के खातों में उनकी बीमा क्लेम राशि पहुंच जाएगी. इस बारे में किसानों को अभी उनकी तरफ से अवगत करवा दिया गया है. टेक्निकल कमेटी से फैसला आने के बाद किसानों को उनके बीमा क्लेम का पैसा दे दिया जाएगा. अभी भले ही कुछ देर हो रही है, लेकिन इस मामले को जल्द ही निपटा लिया जाएगा.(बलजीत सिंह की रिपोर्ट)
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