पीलीभीत के बांसुरी नगरी की एक मुस्लिम महिला ने एक भगवान राम के लिए एक बांसुरी बनाई हैं. महिला का दावा है कि उनके द्वारा बनाई गई बांसुरी विश्व की सबसे लंबी बांसुरी है जो उन्होंने अयोध्या भेजी है.बांसुरी इतनी बड़ी है कि इसे अयोध्या तक ले जाने के लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को ट्रक का सहारा लेना पड़ा है. उन्होंने ट्रक में लोड करके बांसुरी को सुरक्षि अयोध्या पहुंचाया है.
बांसुरी बनाने वाली हिना परवीन ने कहा भगवान राम को बांसुरी भेज कर वो अपने अपने श्रद्धा सुमन भेज राम के लिए भेज रही है. महिला का कहना है इस वक्त राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरा विश्व राम मय है और ऐसे में भगवान कृष्ण की बांसुरी न बजे तो भगवान राम का श्रृंगार अधूरा रह जायेगा. इस लिए वो एक बांसुरी बनाकर भगवान राम को समर्पित कर रही है. साथ ही कहा कि बात जगत के पालन हार की है तो उनके लिए बांसुरी भी छोटी मोटी नही होगी.
हिना परवीन ने दावा किया है कि उसने भगवान राम को जो बांसुरी समर्पित की है वह बांसुरी 21 फीट की है.यह दुनिया की सबसे लंबी बजने वाली बांसुरी है.इससे पहले की बजने बाली बांसुरी को भी पीलीभीत के कारीगरों ने बनाई थी जो 16 फीट लम्बी थी.हिना परवीन बतातीं है कि जब अयोध्या की चर्चा हो रही थी और हर कोई अपना योगदान दे रहा था तब उन्होंने फैसला किया था कि वो भी राम मंदिर के किए कुछ खास तोहफा देगी. इसके बाद उन्होंनें बांसुरी देने का फैसला किया.
जब उन्होंने फैसला किया की भगवान राम के लिए बांसुरी बनाई जाएगी, तब उन्होंने अपने घर के कारखाने में बांस खोजना शुरू किया. घर के स्टोर कारखानों में देखा तो एक बॉस मिल गया जो मतलब का था. परवीन बताती है उनके पति इस बांस को 20 साल पहले असम से लेकर आए थे. तब हिना परवीन को यह लगा कि उनके पति ने इसी दिन के लिए यह बांस लाया था जो स्टोर में छिपाकर रखा गया था. सब राम जी की कृपा है. यह सोचकर वह राम के लिए बांसुरी बनाने में जुट गए.
हिना परवीन ने बताया कि सब राम जी का उत्सब मानने जा रहे है. आज पूरा भारत इस खुशी में शामिल है. इसलिए वो भी अपने राम जी के लिए बांसुरी बनाई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने हिन्दू संगठन के लोगो से बात की अपनी भावना को व्यक्त किया फिर उन्होंने इसके लिये 21 फिट .6 इंच लंबी ये बांसुरी बनाई है. इससे उनका और उनके शहर का नाम भी रोशन हो रहा है. ये बांसुरी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के जरिये भेजा जा रहा है. ये दुलर्भ जाती का बांस है ये भी राम जी की कृपा होगी क्योंकि इस तरह का बॉस अब कही नहीं मिलेगा. इतने सालों से ये बास खराब नहीं हुआ.
हिना बताती है कि बांसुरी में सुर डालने के लिए उन्होंने जिले के सबसे हुनर कारीगर अपने देवर शमशाद को बुलाया और इस बांसुरी में सुर डालने को कहा. उन्होंने दावा की इस बांसुरी के सुर किसी भी मिला सकते हैं. वहीं शमसाद कारीगर ने बताया कि बांस के हिसाब से मेजरमेंट किया जाता है. इसमे दो बांसुरी सेट किये है.आगे पीछे दोनों तरफ नोट बोलेगा. इसके स्वर बिल्कुल ओके है हारमोनियम से मिला सकते है. किसी ताल से मिला सकते है किसी सितार से मिला सकते है.
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