राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान 23 अप्रैल से कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को सपोर्ट करने किसान भी पहुंच रहे हैं. वहीं प्रदर्शनकारी पहलवानों को सलाह देने वाली 31 सदस्यीय समिति ने रविवार को कहा कि अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को 21 मई तक गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो वह एक महत्वपूर्ण फैसला लेगी. जबकि, प्रदर्शनकारी पहलवान विनेश फोगट ने जोर देकर कहा कि उनके विरोध को किसानों ने हाईजैक नहीं किया है. वहीं, शाम को पहलवानों ने सैकड़ों समर्थकों के साथ कैंडल मार्च निकाला.
पहलवानों के समर्थन में एक बड़ी सभा की आशंका को देखते हुए, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ जैसी एजेंसियों से 500 से अधिक कर्मियों के साथ 500 से अधिक कर्मियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था पहले से बढ़ा दी गई थी. वहीं रविवार को 'महापंचायत' में पहलवानों की ओर से अगले कदम पर चर्चा के दौरान धोती-कुर्ता पहने और सैकड़ों की संख्या में पगड़ीधारी किसानों को प्रदर्शन स्थल पर देखा गया. यहां बीकेयू के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी सहित अन्य मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर रविवार शाम को सात बजे कैंडल मार्च का आयोजन हुआ. जिसमें पहलवानों के समर्थन में पहुंचे लोगों ने हिस्सा लिया. लोगों ने हाथों में कैंडल लेकर पहलवानों को इंसाफ दिलाने की मांग की. कैंडल मार्च की अगुवाई पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित कई दूसरे करते दिखे.
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किसान संगठनों ने अपनी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को 15 दिन की डेडलाइन देते हुए कहा- संयुक्त किसान मोर्चा और खापों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए. यदि 21 मई तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो बड़ा फैसला लिया जाएगा.
पहलवानों के धरने में शामिल होने के लिए अपने समर्थकों के साथ जंतर-मंतर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को हमारा पूरा समर्थन है. हम आज भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे. पुलिस इस मामले की जांच करेगी. अगर रिपोर्ट दर्ज हुई है तो बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी होनी चाहिए. राकेश टिकैत ने आगे कहा कि खाप पहलवानों के साथ है. मालूम पड़ता है कि भूत उतारना पड़ेगा. इसके लिए कभी-कभी मिर्ची का भी इस्तेमाल करना पड़ता है.
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जबकि, खाप अध्यक्ष पालम चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने आज जंतर-मंतर पर महापंचायत के मौके पर कहा कि इस धरने में देशभर से लोग आएंगे और विशेष रूप से उत्तर भारत की सभी खापों के प्रतिनिधि और प्रधान, किसान संगठनों के पदाधिकारी और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी आएंगे. इन बच्चों (प्रदर्शनकारी पहलवानों) को जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा, लेकिन किस तरीके से इसकी रूपरेखा और रणनीति बनाई जाएगी ये सब आज तय होगा.
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