Poultry: यूपी में न्यू ऐग पॉलिसी पर रिव्यू मीटिंग खत्म, नतीजा फाइलों में बंद!

Poultry: यूपी में न्यू ऐग पॉलिसी पर रिव्यू मीटिंग खत्म, नतीजा फाइलों में बंद!

पोल्ट्री फार्मर को इस पॉलिसी का फायदा ये हुआ कि यूपी के बाहर से नियम तोड़कर आ रहीं अंडों की गाड़ियों पर रोक लग गई. अंडे के दाम सही हो गए. इतना ही नहीं यूपी के अंडों के दाम यूपी के दुकानदार ही तय कर रहे थे. बरवाला अंडा बाजार का दखल खत्म हो गया था. इतना ही नहीं इस पॉलिसी का फायदा ग्राहकों को हेल्दी अंडे के रूप में मिल रहा था. 

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Poultry: यूपी में न्यू ऐग पॉलिसी पर रिव्यू मीटिंग खत्म, नतीजा फाइलों में बंद!पोल्ट्री फार्म में रखे अंडे. फोटो क्रेडिट-किसान तक

यूपी में न्यू ऐग पॉलिसी को लेकर रिव्यू मीटिंग पूरी हो गई है. करीब तीन चरणों में हुई रिव्यू मीटिंग में कई विभागों समेत पोल्ट्री फार्मर और ऐग ट्रेडर्स भी शामिल हुए. साथ ही इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई), बरेली और दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्वालय एंव गो अनुसंधान संस्थान (दुवासु), मथुरा भी इस मीटिंग में शामिल हुए. सूत्रों की मानें तो सभी के सुझाव के साथ मीटिंग पूरी हो चुकी है. लेकिन मीटिंग के नतीजों से पोल्ट्री फार्मर को अवगत नहीं कराया गया है. पोल्ट्री फार्मर का आरोप है कि तीन महीने तक चली पॉलिसी को अचानक बीच में रोक दिया गया. 

अब दोबारा कब चालू होगी ये भी नहीं बताया जा रहा है, जबकि मीटिंग पूरी हो चुकी है. सूत्रों का तो ये भी कहना है कि मीटिंग में पॉलिसी को लेकर नतीजा निकल चुका है. लेकिन वो अभी तक फाइलों से बाहर नहीं आया है. पूछने पर पोल्ट्री फार्मर को भी कुछ नहीं बताया जा रहा है. बाजार में लगातार अंडे के दाम गिर रहे हैं. फार्मर लागत से भी कम कीमत पर अंडा बेचने को मजबूर हैं. 

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ये है अप्रैल में लागू हुई न्यू ऐग पॉलिसी 

यूपी सरकार ने 15 अप्रैल को न्यू‍ ऐग पॉलिसी लागू की थी. जुलाई में इस पर ये कहकर रोक लगा दी गई कि इसका रिव्यू किया जाएगा. खासतौर पर इस पॉलिसी का संबंध अंडे ट्रांसपोर्ट करने और कोल्ड स्टो‍रेज में रखने के नियमों से था. अगर ट्रांसपोर्ट के नियमों पर गौर करें तो अंडे को पोल्ट्री फार्म से बाजार में अंडा सप्लाई करने का नया नियम भी बनाया गया था.

नियम यह था कि अगर अंडे से लदी गाड़ी 150 किमी से ज्यादा कहीं जा रही है तो वो एसी गाड़ी होनी चाहिए. जानकारों का कहना है कि यूपी के बाहर से जितनी गाड़ी आती हैं तो वो 200 किमी दूर से ही आती हैं. इतना ही नहीं यूपी के अंदर भी अगर आगरा से लखनऊ तक अंडे की गाड़ी जा रही है तो वो एसी होनी चाहिए.

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कोल्ड स्टोरेज में इन नियमों के तहत रखना था अंडा 

कोल्ड स्टोरेज संबंधी नियमों के तहत कोल्ड में अंडा रखने से पहले न मिटने वाली स्याही से अंडे पर उत्पादन की तारीख और जगह का नाम लिखना था. और जब अंडा कोल्ड से निकाला जाएगा तो उस दिन की तारीख भी स्याही से यहा स्टिकर लगाकर बतानी होगी. साथ ही कोल्ड से अंड निकालने वाली तारीख पर यह भी बताना होगा कि कोल्ड से निकलने के कितने दिन तक अंडे को इस्तेमाल कर सकते हैं. गौरतलब रहे कोल्ड से निकले अंडे के उपभोग की अधिकतम अवधि तीन दिन होती है. 

पॉलिसी के मुताबिक अंडों को कोल्ड स्टोरेज में सब्जी और फलों के साथ नहीं रखा जाएगा. कोल्ड में अंडे रखने के लिए अलग चैम्बर बनाने होंगे. अंडों को कोल्ड में रखते वक्त अंडों पर किसी मिनरल आयल या लिक्विड पैराफीन का स्प्रे करना होगा. अंडों को ज्यादा से ज्यादा तीन महीने ही कोल्ड में रखा जाएगा. एक बार कोल्ड से निकले अंडे दोबारा कोल्ड में नहीं रखे जाएंगे. जिस चैम्बर में अंडे रखे जाएंगे उसका तापमान चार से सात डिग्री होना चाहिए. वहीं आर्दता 75 से 80 होगी. अंडे का भंडारण करने वाले कोल्ड स्टोरेज संचालकों को अपनी जानकारी सरकार के साथ साझा करनी होगी.

 

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