Chakbandi News: उत्तर प्रदेश के 859 गांवों की होगी नई चकबंदी, सीएम योगी ने जारी किया आदेश

Chakbandi News: उत्तर प्रदेश के 859 गांवों की होगी नई चकबंदी, सीएम योगी ने जारी किया आदेश

किसानों की सहूलियत के लिए शुरू की गई चकबंदी की प्रक्रिया काफी अहम होती है, लेकिन इस प्रक्रिया की जानकारी किसानों को काफी कम होती है या गांव स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोग इस प्रक्रिया से आम लोगों को दूर रखना ही बेहतर समझते हैं.

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Chakbandi News: उत्तर प्रदेश के 859 गांवों की होगी नई चकबंदी, सीएम योगी ने जारी किया आदेशयह फैसला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया गया है. (Photo-Kisan Tak)

UP News: उत्तर प्रदेश के 859 गांवों में नई चकबंदी होगी. इन गांवों में चकबंदी प्रक्रिया संपन्न कराने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंजूरी मिलने के बाद चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने आदेश जारी कर दिया है. प्रदेश में कुल 75 जिले हैं तथा उत्तर प्रदेश में 57607 गांव हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के 859 गांवों के लिए बड़ा फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के 859 गांव में उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम 1953 के तहत प्रथम व द्वितीय चक्र की चकबंदी कराई जाएगी.

यूपी के इन गांवों में होगी नई चकबंदी

इस आदेश में कहा गया है कि सुल्तानपुर जिले के 26 गांव, फतेहपुर जिले के 23 गांव, बदायूं जिले के तीन गांव, आगरा जिले के 17 गांव, प्रतापगढ़ जिले के 21 गांव, बस्ती जिले के 10 गांव, मुरादाबाद जिले के 19 गांव, सोनभद्र जिले के 38 गांव, गोरखपुर जिले के 22 गांव, शाहजहांपुर जिले के 10 गांव, अमरोहा जिले के 9 गांव, कानपुर देहात जिले के 7 गांव, कुशीनगर जिले के 11 गांव, जौनपुर जिले के 2 गांव, लखीमपुर खीरी जिले के 53 गांव, अंबेडकरनगर जिले के 6 गांव, संतकबीरनगर जिले के 3 गांव, बाराबंकी जिले के 8 गांव, रामपुर जिले के 11 गांव, सिद्धार्थनगर जिले के 16 गांव, आजमगढ़ जिले के 2 गांव, चंदौली जिले के 47 गांव, सहारनपुर जिले के 5 गांव, मुफ्फरनगर जिले के 2 गांव, बस्ती जिले के 2 गांव व लखनऊ जिले के 2 गांवों की चकबंदी कराई जाएगी, बरेली, वाराणसी, जौनपुर, वाराणसी, गोंडा, प्रयागराज के गांवों में भी नई चकबंदी कराई जाएगी.

किसानों की सहूलियत के लिए कराई जाती है चकबंदी 

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार के बढ़ने के साथ ही खेती की जमीनों में बंटवारा होता रहता है. ऐसे में एक समय के बाद पैतृक खेत, बाग जैसी जमीने छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी रहती हैं. इसके कारण किसानों को छोटे जमीन के टुकड़ों पर खेती करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, लम्बे समय के बाद गांवों में खेत की सीमाओं संबंधी विवाद, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण आदि की शिकायतें बढ़ जाती हैं, जिसके कारण सरकार चकबंदी कराती है.

किसानों की सहूलियत के लिए शुरू की गई चकबंदी की प्रक्रिया काफी अहम होती है, लेकिन इस प्रक्रिया की जानकारी किसानों को काफी कम होती है या गांव स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोग इस प्रक्रिया से आम लोगों को दूर रखना ही बेहतर समझते हैं. अगर किसान लगातार चकबंदी प्रक्रिया पर नजर रखें और जानकारी लेते रहे तो चकबंदी उनके लिए सहूलियत भरी हो सकती हैं.


 

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