गर्मी का आगाज होते ही देश के कई राज्यों में जल संकट गहराने लगा है. वहीं मध्य प्रदेश के गोपीकृष्ण सागर बांध में कुछ ही दिनों का पानी शेष बचा हुआ है. जलसंकट को देखते हुए सिंचाई विभाग ने गोपीकृष्ण सागर बांध के पानी पर पहरा बैठा दिया है. गोपीकृष्ण सागर डैम से राघोगढ़ शहर की जलापूर्ति होती है. साथ ही NFL, GAIL जैसे बड़े उद्योगों के अलावा जेपी यूनिवर्सिटी में भी पानी सप्लाई की जाती है. वहीं खेतों में सिंचाई के लिए आसपास के इलाके के ग्रामीण गोपीकृष्ण सागर बांध से पानी चोरी करते हैं. किसान पानी की चोरी पाइप लाइन चैम्बर और निचले डूब क्षेत्र से करते हैं. ऐसे में पानी की चोरी रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने पहरेदार बैठा दिए हैं.
मॉनसून आने में अभी भी पांच महीने बाकी हैं, लेकिन गोपीकृष्ण सागर डैम में जलस्तर लगातार कम हो रहा है, जो चिंता का विषय है. पिछले मॉनसून में कम बारिश होने के कारण डैम में जलस्तर नहीं बढ़ पाया. ऐसे में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी जलस्तर और भी निचे गिरेगा. वर्तमान में 29 फरवरी तक महज 26 फीसदी पानी ही डैम में बचा है. वहीं पिछले वर्ष कम बारिश होने से बांध में मात्र 59.75 प्रतिशत पानी का भंडारण हो सका.
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कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस द्वारा समय सीमा बैठक में अवैध रूप से पानी चोरी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अवैध रूप से पानी चोरी करने वाले किसानों के मोटर पंप जप्त कर उनके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी उस व्यक्ति या किसान की होगी.
जल संसाधन विभाग द्वारा सभी निकायों और उद्यमियों के प्रमुखों और आमजन से अपील की गई है कि जल संकट को देखते हुए पानी बचाने और पानी को व्यर्थ बहने से रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाएं. अधिकारियों ने बताया कि गोपीकृष्ण सागर बांध से यदि पानी की चोरी की जाती है, तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. पानी चोरी के खिलाफ पम्प जब्त किए जाएंगे और एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी. साथ ही चोरी को रोकने के लिए लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है.
वहीं बारिश कम होने से पूरा जिला पानी की कमी यानी जल संकट से ग्रस्त है. पानी की कमी के कारण रबी के बाद खरीफ की फसल पर संकट मंडराने लगा है. किसानों का मानना है कि भविष्य में मुश्किल से जलापूर्ति हो पाएगी. इसके अलावा जिले के बमोरी ब्लॉक में पेयजल का सर्वाधिक संकट है. गुना शहरी क्षेत्र की निचली बस्तियों में दो दिन में एक बार जलापूर्ति हो पा रही है. जलापूर्ति के लिए प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है.
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