साल 2014-15 से 2021-22 तक 13.36 फीसद की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ पशुधन क्षेत्र सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) और कुल कृषि जीवीए में योगदान देने वाले एक बड़े सेक्टर के रूप में उभरा है. ग्रामीण समुदायों, खासकर छोटी जोत वाले समुदायों को मजबूत बनाने में पशुधन सेक्टर फायदे का सौदा साबित हो रहा है. फूड सिक्योरिटी (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा) में भी पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है. ये कहना है एनीमल हसबेंडरी कमिश्नर अभिजीत मित्रा का. नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनडीआईआर), करनाल, हरियाणा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बात कही हैं.
साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के पशुपालन सेक्टर में महिलाओं की भूमिका बहुत खास है. डॉ. मित्रा ने पशुपालन में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर जोर दिया. उनका कहना है कि ये संयुक्त राष्ट्र संघ के सत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप भी है. भारत विश्व में दूध उत्पादन में पहले नंबर पर है तो इंटरनेशनल लेवल पर महिलाओं से संबंधित इस लक्ष्य का महत्व और बढ़ जाता है.
ये भी पढ़ें: Sheep Meat: कश्मीर में बढ़ी भेड़ के मीट की मांग, दूसरे राज्यों से हो रही सप्लाई, पढ़ें डिटेल
एनडीआरआई के कार्यक्रम में डॉ. अभिजीत मित्रा ने "नेविगेटिंग सस्टेनेबल लाइव स्टॉक सिस्टम्स: इंडियन स्मॉल होल्डर्स इन ए ग्लोबल कॉन्टेक्स्ट" पर अपने विचार रखे. उन्हों ने बताया कि पशुधन क्षेत्र के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, बीमारी की चपेट में आना और संसाधनों और बाजारों तक सीमित पहुंच आदि शामिल हैं. पशु जलवायु परिवर्तन की चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परंपरा के अनुसार पशुपालन में परिवर्तन लाना होगा.
खुद को तकनीक से अपडेट कर आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना होगा. उन्होंने आगे कहा कि भारत की छोटी पशुधन प्रणालियां, एक्सर्टा इनकम, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने जैसी ताकत बढ़ाती हैं. उन्होंने छोटे किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और पशुपालन सेक्टर में विकास को बढ़ावा देने के लिए ए-हेल्प, पशु सखी और राष्ट्रीय पशुधन मिशन जैसी सरकारी पहलों के महत्व पर भी रोशली डाली.
ये भी पढ़ें: Dairy Expo: डेयरी सेक्टर एक लाख लीटर दूध पर गांव-शहर में देता है 6 हजार नौकरी-आरएस सोढ़ी
एनडीआरआई के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा के बारे में बताया कि डॉ. मित्रा संस्थान के पूर्व छात्र और पशुपालन एवं आनुवंशिक अनुसंधान के क्षेत्र के एक्सपर्ट हैं. वह आईसीएआर के दो रिसर्च इंस्टीट्यूट में निदेशक और कई प्रतिष्ठित संस्थानों के फेलो रहे हैं. डॉ. धीर ने बताया कि डॉ. मित्रा को यह पुरस्कार पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन, आणविक आनुवंशिकी, जीनोमिक्स और ट्रांसजेनेसिस में सराहनीय कार्य करने के लिए दिया जा रहा है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today