कर्नाटक में बनी नई नवेली सिद्धारमैया सरकार ने राज्य का बजट पेश किया है. कर्नाटक सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में किसानों के लिए बहुत कुछ खास है. सरकार ने 3.28 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. जिसमे सीएम सिद्धारमैया ने कृषि पर फोकस करते हुए खजाना खोल दिया है. दरअसल सरकार ने कृषि सिंचाई और पशु बीमा के साथ ही अन्य कई चीजों के लिए पांच लाख रुपये लोन बिना ब्याज पर देने की घोषणा की है. वहीं मुख्यमंत्री ने कर्नाटक विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में कुल 3,27,747 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है. इसमें राजस्व खर्च 2,50,933 करोड़ रुपये है, वहीं पूंजीगत खर्च 54,374 करोड़ रुपये और ऋण अदायगी 22,441 करोड़ रुपये शामिल है.
वहीं मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया ने यह सातवां बजट पेश किया है, इससे पहले उन्होंने 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान छह बजट पेश किए थे. वहीं इस कार्यकाल को मिलाकर सातवां बजट है.
राज्य के किसानों के लिए नई सरकार कि ओर से खुशखबरी है. दरअसल माना जा रहा है कि कृषि क्षेत्र में कृषि भाग्य योजना की लागत पर प्रतिपूर्ति के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. वहीं मवेशियों की आकस्मिक मृत्यु को कम करने के लिए अनुग्रह योजना का शुभारंभ किया है. इसके अलावा 10 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 940 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं सरकार 770 करोड़ रुपये की लागत से 19 झील भराव परियोजना को पूरी करेगी.इसके अलावा 30 लाख से अधिक किसानों को 25,000 करोड़ रुपये कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, वहीं तटीय और पहाड़ी जिलों के किसानों को माल ढुलाई के लिए पिकअप वैन की खरीद के लिए चार प्रतिशत की ब्याज दर पर 7 लाख रुपये तक की कर्ज की सुविधा भी दी जाएगी और राज्य की चयन की गई 50 सब्जी मंडियों में मिनी कोल्ड स्टोर की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा गया है.
शून्य ब्याज दर को बढ़ाकर कम दिनों के लिए कर्ज सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये की गई है. वहीं रेशमी सूत कातने वालों के लिए पांच लाख रुपये का कर्ज शून्य ब्याज दर पर देने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा मध्यम समय और लंबे समय के लिए कर्ज सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दी गई है. वहीं इस लोन पर तीन फीसदी ब्याज दर भी लगेगी. वहीं मछुआरा महिलाओं के लिए बैंकों में ब्याज मुक्त कर्ज सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दी गई है.इसके अलावा मछली पकड़ने वाली नावों के लिए रियायती डीजल की सीमा दो लाख किलो लीटर तक बढ़ाने के लिए 250 करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रस्ताव रखा गया है और मछली पकड़ने वाली नौकाओं को केरोसिन इंजन से पेट्रोल इंजन में बदलने के लिए प्रत्येक नावों को 50,000 रुपये की सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा गया है.
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