Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरने से पहले करीब 600 पेड़ों को काटा जाएगा. ये सभी पेड़ यूकेलिप्टस हैं जिनकी लंबाई काफी ज्यादा है. इनकी लंबाई विमानों की उड़ान संचालन में किसी तरह की बाधा न बने इसके लिए इन पेड़ों को काटने का फैलना लिया गया है.जेवर एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में लगे ये पेड़ विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों में बाधा बन सकते हैं जिसके लिए इनको काटा जाएगा.
पिछले साल भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें जेवर एयरपोर्ट के आस-पास के स्थानों के बारे में चिंता जताई गई थी जहां 600 से अधिक यूकेलिप्टस के पेड़ हैं. सर्वे रिपोर्ट में बताया गया था कि प्लेन के टेक-ऑफ और लैंडिंग में ये पेड़ परेशानी पैदा कर सकते हैं. ऐसे में एयरपोर्ट के निर्माण काम में लगी एजेंसी को अब लंबी दूरी के विमानों की सुचारू लैंडिंग-टेकऑफ़ के टेस्टिंग की जरूरत है. जिसके लिए लगभग 600 यूकेलिप्टस के पेड़ों को हटाना होगा.ये पेड़ लैंडिंग और टेकऑफ में दिक्कत पैदा कर सकते हैं जिसकी वजह से इन पेड़ों को हटाने का काम अगले कुछ महीनों में हो जाएगा.
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जेवर एयरपोर्ट की स्थापना के काम यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( YIEDA) कर रहा है और YIEDA अब इन 600 पेड़ों को काटेगा. हालांकि यीडा क्षेत्र में ग्रीनरी को बनाए रखने के लिए इन 600 पेड़ों के बदले इतने ही नए पेड़ लगाए जाएंगे. आपको बता दें जेवर एयरपोर्ट से पहली उड़ान 2024 में ही शुरू होनी है जिसके लिए तेजी से काम चल रहा है. जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा औरदुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा.
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