5 लीटर दूध देने वाली बीटल बकरी. फोटो क्रेडिट-किसान तकएक दिन में पांच लीटर दूध देने के चलते लुधियाना, पंजाब की एक बकरी आजकल खासी चर्चाओं में है. हाल ही में एक पशु मेले के दौरान इस बकरी को प्रदर्शनी में भी रखा गया था. दो दिन तक चले मेले में बकरी को देखने वालों की खासी भीड़ उमड़ी थी. यह बीटल नस्ल की बकरी है. मेले का आयोजन गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना ने किया था. गडवासु का दावा है कि यह देश की सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी है. एक्सपर्ट का कहना है कि इतना दूध तो एक देसी गाय भी नहीं देती है. गौरतलब रहे बीटल नस्ल की बकरी रोजाना औसत दो से तीन लीटर तक दूध देती है. जबकि दूसरी नस्ल की बकरियां एक से दो लीटर तक दूध देती हैं.
पंजाब में नीदरलैंड से आए बकरी एक्सपर्ट एड मार्क्स ने बीटल और बरबरी बकरी को देखने और उसके बारे में जानने के बाद उसमे दूध की संभावनाएं ज्यादा बताईं थी. उनका कहना था कि अगर बीटल और बकरी के खानपान पर अच्छे से ध्यान दिया जाए, उन्हें सिर्फ मैदान में चराने पर ही नहीं रखा जाए, दाना और पत्तेदार खाने को दिया जाए, रहन-सहन पूरी तरह साइंटीफिक तरीके से हो, बीमार बकरियों को अलग और हैल्थी को अलग रखा जाए, कम दूध देने वाली अलग और ज्यादा दूध देने वालीं अलग रखी जाएं तो यह और ज्यादा दूध दे सकती हैं.
गडवासु के साइंटिस्ट डॉ. मनदीप ने किसान तक को बताया कि बकरियों की बीटल नस्ल खासतौर पर पंजाब में पाई जाती है. थोड़ी बहुत हरियाणा में भी पाली जाती है. यह औसत दो से तीन लीटर तक दूध देती है. अगर इसकी खिलाई अच्छे तरह से की जाए तो यह चार से पांच लीटर तक भी दूध देती है. जैसे-जैसे यह बच्चे देना शुरू करती है तो इसके दूध की मात्रा बढ़ती चली जाती है. हमारे ही बकरी फार्म पर एक बकरी ने एक दिन में पांच लीटर 150 ग्राम दूध दिया है. तीसरी बार बच्चा देने के बाद बकरी इतना दूध दे रही है. काले रंग की बीटल बकरी के कान चपटे पान के पत्ते की तरह से होते हैं. यही इसकी खास पहचान हैं. लेकिन इसकी सबसे बड़ी पहचान ज्यादा दूध देना भी है.
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डॉ. मनदीप ने बताया कि किसी भी पशु का ज्यादा या कम दूध देना बहुत हद तक चारे पर भी निर्भर करता है. अगर बकरी को उसकी खुराक के मुताबिक चारा खाने को नहीं मिल रहा है तो वो कम दूध देगी. इसी तरह से अगर बीटल नस्ल की बकरी को रोजाना 2.5 किलो साइलेज या दो किलो हरा और आधा किलो सूखे चारे के साथ आधा किलो दाना दिया जाए तो वो अच्छी मात्रा में दूध देती है. लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि जो चारा या दाना बकरी को खाने में दिया जा रहा है वो गुणवत्ता वाला होना चाहिए. अगर हम चारा सही मात्रा में दे रहे हैं और उसकी क्वालिटी खराब है तो फिर इसका असर दूध पर भी पड़ेगा.
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डॉ. इन्द्रजीत सिंह, वाइस चांसलर, गडवासु ने किसान तक को बताया कि बीटल नस्ल की बकरी रोजाना पांच लीटर तक दूध दे सकती है यह साबित हो चुका है. साथ ही बीटल बकरी साल में दो बार बच्चे देती है. एक बार में बकरी दो से तीन बच्चे तक देती है. अगर कोई परिवार घर में दूध की डिमांड पूरी करने के लिए बीटल बकरी को पाल लेता है तो उसका दूध पर होने वाला खर्च बहुत ही कम हो जाएगा. दूसरी ओर अगर कोई बीटल बकरी को दूध का कारोबार करने के लिहाज से पालता है तो वो भी अच्छी कमाई कर सकता है.
क्योंकि आज बकरी के दूध की डिमांड को देखते हुए उसकी कोई एक कीमत तय नहीं है. एम्स अस्पताल के सामने डेंगू मरीजों ने एक मोटी रकम खर्च कर बकरी का दूध पिया था. जो पंजाब बकरी पालने में शर्म महसूस करता था आज उसी पंजाब में बकरियों के 100 से ज्यादा बड़े फार्म हैं. ज्यादातर लोग बकरी के दूध का कारोबार कर रहे हैं.
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