Farmers Suicide: किसान नहीं झेल सका फसल नुकसान का दर्द, फांसी लगाकर दे दी जान

Farmers Suicide: किसान नहीं झेल सका फसल नुकसान का दर्द, फांसी लगाकर दे दी जान

Farmers Suicide: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में युवा किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान का नाम प्रीतम है. प्रीतम की उड़द की फसल सूख जाने से उन्हें भारी नुकसान हो गया जिसका सदमा वे बर्दाश्त नहीं कर सके और जान दे दी.

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Farmers Suicide: किसान नहीं झेल सका फसल नुकसान का दर्द, फांसी लगाकर दे दी जानकिसान नहीं झेल सका फसल नुकसान का दर्द, कर ली आत्महत्या

किसान फसल खराब होने से या तो फांसी लगाकर जान दे रहे हैं या फिर किसी और तरीके से आत्महत्या कर रहे हैं. दरअसल किसान फसल और लोन को लेकर काफी परेशान हैं. ऐसा ही एक आत्महत्या का मामला उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में सामने आया है. यहां एक किसान ने फसल खराब होने के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ऐसी ही खबर कुछ दिनों पहले प्रदेश के ही कानपुर में आई थी जहां किसान ने फसल बर्बाद होने और लोन न चुका पाने से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालिया घटना ललितपुर जिले के युवा किसान प्रीतम अहिरवार की है जिन्होंने सवा एकड़ खेत में उड़द की फसल लगाई थी. लेकिन इस साल मॉनसून में बारिश न होने और सूखे के चलते ये फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इससे किसान प्रीतम यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए और परेशान होकर फांसी लगा ली.

हफ्ते भर के अंदर किसान द्वारा आत्महत्या का ये दूसरा मामला है. इससे पहले कानपुर देहात से भी इसी तरह का मामला सामने आया था. हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी इस घटना को फसल खराब होने से जोड़कर नहीं देख रहे हैं.

कानपुर में भी सुसाइड का मामला

वहीं अगर बात की जाए कानपुर वाले मामले की तो कानपुर देहात जिले में किसान चंद्रपाल सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. वे मंगलपुर के रहने वाले थे. उन्होंने गेहूं की फसल बोई थी. जिसके लिए उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से तीन लाख 60 हज़ार रुपये का लोन लिया था. किसान ने छह बीघा खेत में फसल को बोया था लेकिन फसल बर्बाद होने के चलते कर्ज की रकम नहीं चुका पाए. इस वजह से आत्महत्या करने की बात सामने आई है.

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PM और CM को लिखा सुसाइड नोट

इस किसान ने PM नरेंद्र मोदी और CM योगी आदित्यनाथ को एक सुसाइड नोट भी लिखा था. इसमें साफ तौर से कर्ज न चुका पाने की बात लिखी गई थी. यहां तक कि यह भी लिखा था कि लेखपाल के पास समय नहीं है और लेखपाल सर्वे तक करने नहीं आए. इस वजह से उन्हें मुआवजा नहीं मिला. इस किसान ने एक बीघा जमीन 60 हज़ार रुपये में गिरवी रखी थी. एक तरफ माथे पर फसल का कर्ज और दूसरी ओर खेत गिरवी थी. ऐसी परेशानियों के दबाव में आकर किसान चंद्रपाल सिंह ने सुसाइड कर ली.  

बुंदेलखंड में भी सूखे जैसे हालात

राज्य के बुंदेलखंड रीजन में खरीफ सीजन के अंतर्गत किसानों ने  उड़द, अरहर,  तिल के साथ-साथ बड़े पैमाने पर धान की फसल लगाई है. वहीं, इस बार मॉनसून की बारिश से कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. बुंदेलखंड के साथ जनपदों में अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है. इसकी वजह से वहां सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. मौसम खराब होने से किसानों की फसलें सूखने लगी हैं जिससे किसान परेशान दिख रहे हैं.

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