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Fact Check: नई योजना के तहत बेटियों को मिलेंगे 4500 रुपये, जानें क्या है सच्चाई?

Fact Check: नई योजना के तहत बेटियों को मिलेंगे 4500 रुपये, जानें क्या है सच्चाई?

केंद्र की मोदी सरकार बेटियों के विकास के लिए कई अहम योजनाएं चला रही है. उनकी शिक्षा और विवाह के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं. इस बीच एक खबर में दावा किया जा रहा है कि अगर किसी के घर बेटी है तो उन्हें सरकार की ओर से हर महीने 4500 रुपये मिलेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस योजना का सच?

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PIB Fact Check: क्या है इस योजना का सच PIB Fact Check: क्या है इस योजना का सच

सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी तेजी से वायरल हो रहा है. मैसेज में लिखा है कि सरकार लड़कियों का मनोबल बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पैसे दे रही है. दरअसल, यह एक व्हाट्सएप मैसेज है जिसमें मोदी सरकार द्वारा 4500 रुपये राशि देने का दावा किया गया है. लेकिन इस दावे की हकीकत कुछ और ही है. दरअसल, यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है और आपकी जेब से पैसे निकालने की एक ट्रिक भी है. सरकार ने इस मैसेज को लेकर आम जनता को आगाह किया है और इसे फर्जी मानते हुए इस मैसेज को तुरंत डिलीट करने की अपील की है. आइए जानते हैं इस मैसेज की हकीकत.

बेटियों को मिलेंगे 4500 रुपये

केंद्र की मोदी सरकार बेटियों के विकास के लिए कई अहम योजनाएं चला रही है. उनकी शिक्षा और विवाह के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं. इस बीच एक खबर में दावा किया जा रहा है कि अगर किसी के घर बेटी है तो उन्हें सरकार की ओर से हर महीने 4500 रुपये मिलेंगे. सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने एक अच्छा निवेश शुरू करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की है, जो घर में होने वाली बेटियों की परेशानियों को दूर करती है. इस योजना के तहत जमा पैसे से बेटी की पढ़ाई, शादी और अन्य कार्यों में मदद मिलती है.

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हर महीने 4500 रुपये मिलने का दावा

इसी तरह सोशल मीडिया पर 'सरकार व्लॉग' नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार उन लोगों को 'कन्या सुमंगला योजना' के तहत हर महीने 4500 रुपये दे रही है जिनके परिवार में बेटियां हैं. जो पूरी तरह से फर्जी है. इसकी सच्चाई बताते हुए पीआईबी फैक्ट चेक ने लोगों को आवेदन करने से बचने की सलाह दी है.

पीआईबी ने किया सच का खुलासा

पीआईबी फैक्ट चेक ने खबर के स्क्रीनशॉट के साथ इस दावे को फर्जी बताया है. यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से बेटियों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है.