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Bihar: विदेशों में जैविक खेती के तरीके सीखेंगे किसान, जानें क्या है सरकार का प्लान

Bihar: विदेशों में जैविक खेती के तरीके सीखेंगे किसान, जानें क्या है सरकार का प्लान

बिहार सरकार ने कृषि उत्पादकता में सुधार लाने और जैविक खेती के उन्नत तरीके सीखने के लिए 13 जिलों के किसानों को विदेश भेजने का फैसला किया है. राज्य के 13 जिलों के इच्छुक किसान जैविक खेती की उन्नत तकनीक सीखने के लिए वियतनाम, थाईलैंड और भूटान आदि देशों में भेजे जाएंगे.

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विदेशों में जैविक खेती के तरीके सीखेंगे बिहार के किसान विदेशों में जैविक खेती के तरीके सीखेंगे बिहार के किसान

बिहार सरकार ने कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए जैविक खेती के उन्नत तरीके सीखने के लिए 13 जिलों के किसानों को विदेश भेजने का फैसला किया है. बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि गंगा के किनारे स्थित 13 जिलों के इच्छुक किसानों को बैचों में विदेश भेजा जाएगा और प्रति किसान 5 लाख रुपये का खर्च राज्य कृषि विभाग वहन करेगा. विभाग ने पहले ही राज्य में 13 जिलों (गंगा के किनारे) का एक जैविक खेती कॉरीडोर बनाया है जहां किसानों को अपने क्षेत्रों में जैविक खेती का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. यह एक मिशन मोड पर किया जाएगा और राज्य सरकार इच्छुक किसानों को 2025 तक जैविक खेती से संबंधित सभी संभव सुविधाएं प्रदान करेगी.

जैविक खेती की उन्नत तकनीक सीखने किसान जाएंगे विदेश 

पीटीआई को मंत्री ने बताया कि हम इन 13 जिलों के इच्छुक किसानों को जैविक खेती की उन्नत तकनीक सीखने के लिए वियतनाम, थाईलैंड और भूटान आदि देशों में भी भेजेंगे. ताकि सीखने के बाद, वे तरीकों को अपनाएं और बेहतर उत्पादकता के लिए जैविक खेती की तकनीकों के बारे में अपने साथी किसानों को भी बताएं." उन्होंने कहा कि वियतनाम, थाईलैंड और भूटान में जैविक खेती के क्षेत्र में किसान अच्छा कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, राज्य में जैविक खेती कॉरिडोर को प्रभावी ढंग से विकसित करने के लिए विभाग पहले ही लगभग 104.36 करोड़ रुपये मंजूरी दे चुका है. वहीं, विभाग ने कॉरिडोर बनाने के लिए 13 जिलों में 20,000 एकड़ जमीन की पहचान की है.

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जैविक खेती के लाभों के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा, कृषि की इस प्रणाली में, पर्यावरण और सामाजिक रूप से जिम्मेदार दृष्टिकोण के साथ रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना उत्पाद उगाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक जैविक खेत में कम पूंजी निवेश की भी आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत किसानों को कृषि अनुदान और जैविक खेती के लिए मुफ्त प्रमाणीकरण की सुविधा दी जाएगी.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए नीतियों को लागू करने की योजना


इसके अलावा, राज्य सरकार किसानों की ज्यादा आय सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रमों, योजनाओं और नई नीतियों को लागू करने की भी योजना बना रही है. यह पहल राज्य में किसानों के कृषि लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से नीतीश कुमार सरकार के महत्वाकांक्षी चौथे कृषि रोडमैप का हिस्सा है.

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जैविक कॉरिडोर का हिस्सा बनने वाले 13 जिले पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, लखीसराय, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर और कटिहार हैं. विभाग ने सात जिलों-पटना, भोजपुर, नालंदा, वैशाली, सारण, समस्तीपुर और बेगूसराय में कॉरिडोर बनाने के लिए 2,000 एकड़ जमीन की पहचान की है. अन्य जिलों में बक्सर (1,500 एकड़), लखीसराय (500 एकड़), भागलपुर (1,500 एकड़), मुंगेर (500 एकड़), कटिहार (1,500 एकड़) और खगड़िया (500 एकड़) शामिल हैं.