Rajasthan: हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बाबा बालकनाथ चुनाव जीते, जानिए डिटेल्स

Rajasthan: हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बाबा बालकनाथ चुनाव जीते, जानिए डिटेल्स

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पांच राज्यों के चुनावों में कई सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा है. राजस्थान में महंत बालकनाथ भी उन्हीं सांसदों में से एक नाम हैं. उन्हें तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. फिलहाल वे अलवर से सांसद हैं. तिजारा विधानसभा सीट राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की सबसे हॉट सीटों में से एक है. बालकनाथ के नामांकन में खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे.

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Rajasthan: हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बाबा बालकनाथ चुनाव जीते, जानिए डिटेल्सबालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है.

तिजारा विधानसभा सीट से बाबा बालकनाथ चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने बसपा से कांग्रेस में आकर टिकट पाए इमरान खान को हराया है. बालकनाथ की छवि हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर बनाई गई है. राजस्थान में भाजपा समर्थक लोग उन्हें यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ से भी जोड़कर देखते हैं. तिजारा से तीसरे नंबर पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी उदमीराम रहे हैं. 

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पांच राज्यों के चुनावों में कई सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा है. राजस्थान में महंत बालकनाथ भी उन्हीं सांसदों में से एक नाम हैं. उन्हें तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. फिलहाल वे अलवर से सांसद हैं. तिजारा विधानसभा सीट राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की सबसे हॉट सीटों में से एक है. बालकनाथ के नामांकन में खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे. उन्होंने उनके विधानसभा क्षेत्र में सभाएं भी कीं. 16 अप्रैल 1984 को अलवर के कोहराना में जन्मे बाबा बालक नाथ ने मैट्रिक तक पढ़ाई की है.  महज 6 साल की उम्र में उनके माता पिता ने उन्हें महंत चांदनाथ को देश की सेवा के लिए सौंप दिया था. वे 2019 के लोकसभा चुनावों में पहली बार लड़कर संसद पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था. हिंदुत्व की उग्र छवि के साथ वे अपनी पकड़ बना रहे हैं. फिलहाल वे नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी अस्थल बोहर रोहतक के महंत हैं. बीते दिनों वार्षिक कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित सभी प्रमुख नेता रोहतक पहुंचे. इन नेताओं के साथ फोटो देखकर प्रदेश में बालक नाथ का कद बढ़ता नजर आया है. चुनाव के सर्वे में बालक नाथ को सीएम उम्मीदवार की दौड़ में शामिल किया गया है. हिंदुत्व की राजनीति के पैरोकार उन्हें राजस्थान का योगी भी बुलाते हैं. 

बतौर सांसद वे क्या कर रहे हैं? 

सांसद के तौर पर वह 13 सितंबर 2020 से शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं. साथ ही बाबा बालकनाथ जल शक्ति मंत्रालय में सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं. वे 13 सितंबर 2019  से 12 सितंबर 2020 तक मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य भी रहे हैं. साथ ही जुलाई 2019 से अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य का पद भी उनके पास है. 

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बीएसपी से कांग्रेस में आए इमरान खान को दिया कांग्रेस ने टिकट


कांग्रेस ने तिजारा सीट पर काफी रोचक वाकयात के बाद इमरान खान को टिकट दिया है. इमरान को पहले बीएसपी ने टिकट दिया था, लेकिन अचानक से इस सीट पर फैसला बदलते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने इस सीट पर पुर्नविचार करने की बात कर दी. बीसएसपी प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने टिकट बदलने की जानकारी मीडिया को दी. मीडिया रिपोटर्स के अनुसार इमरान खान से दोपहर होते तक बीएसपी ने टिकट वापस ले लिया. वहीं, देर शाम कांग्रेस की ओर से जारी चौथी लिस्ट में इमरान खान को तिजारा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिया.

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बाबा और इमरान में अच्छी टक्कर, धुव्रीकरण की आशंका

इस सीट पर ध्रुवीकरण होने की पूरी आशंका है. क्योंकि बाबा बालकनाथ ने अपने चुनावी प्रचार में कई बार पाकिस्तान, लाहौर और हिंदु-मुस्लिम की बात की. वहीं, मेवात इलाके में इमरान की मजबूत पकड़ बताई जाती है. तिजारा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. इसीलिए भाजपा ने तिजारा में जीत के लिए ओबीसी वोटों को अपने पाले में करने के लिए हिंदुत्व की छवि वाले नेता बालकनाथ को मैदान में उतारा है. 

टिकट मिलने के बाद ही विवादों का सिलसिला शुरू

टिकट मिलने के बाद से ही बाबा बालकनाथ की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. टिकट की घोषणा के बाद बाबा के विरोध में भाजपा से बागी हुई मामन यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की. बाद में मामन ने बाबा को समर्थन दिया. लेकिन उसके बाद भाजपा नेता संदीप दायमा ने मस्जिदों और गुरुद्वारों को लेकर विवादित बयान दे दिया. इससे सिख नाराज हो गए. पार्टी ने संदीप को सस्पेंड किया और सिखों से माफी भी मांगी. लेकिन उन्होंने मुसलमानों से मस्जिद को लेकर दिए बयान पर माफी नहीं मांगी. 

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