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Agriculture Loan: सरकारी आदेश के बाद बैंकों की मनमानी जारी, बिना सिबिल स्कोर नहीं दे रहे किसानों को लोन

Agriculture Loan: सरकारी आदेश के बाद बैंकों की मनमानी जारी, बिना सिबिल स्कोर नहीं दे रहे किसानों को लोन

महाराष्ट्र में कृषि लोन के लिए सिबिल स्कोर की शर्त लगाने पर बैंकों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. फिर भी किसानों को बैंकों का चक्र लगाना पड़ रहा है. वहीं किसान आंदोलन कर रहे हैं.

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खरीफ सीजन में कृषि लोन देने के लिए बार्शी टाकली तहसील पर किसानों ने मोर्चा निकाला खरीफ सीजन में कृषि लोन देने के लिए बार्शी टाकली तहसील पर किसानों ने मोर्चा निकाला

महाराष्ट्र में सरकारी आदेश के बाद बैंक किसानों को बिना सिविल स्कोर के कृषि लोन देने में टालमटोल कर रहे हैं. नतीजतन किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वो सड़कों पर उतर रहे हैं. दरअसल, महाराष्ट्र के अकोला में दूसरी बार किसानों ने कृषि लोन को लेकर आरबीआई द्वारा लगाई शर्त हटाने और आगामी खरीफ सीजन में कृषि लोन देने के लिए बार्शी टाकली तहसील पर मोर्चा निकाला. इस मोर्चा में सैकड़ों किसान शामिल हुए. इससे पहले किसानों ने एक मई को मूर्तिजापुर तहसील पर शर्त हटाने के लिए मोर्चा निकाला था. इसके बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि कृषि लोन के लिए आरबीआई द्वारा किसानों की सिबिल स्कोर को लेकर लगाई गई शर्त हटा दी गई है और जो भी बैंक इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. लेकिन फिर भी सूबे में बैंक किसानों को इस शर्त के चलते लोन नहीं दे रहे हैं. इसलिए आज दूसरी बार किसानों को अपनी मांगों के लिए बार्शी टाकली तहसील पर मोर्चा निकालना पड़ा.

अकोला जिले के वरखेड़ के किसान पिछले साल से कृषि सिबिल स्कोर के कारण परेशान हैं, क्योंकि उनको कृषि लोन नहीं मिल पा रहा है. उन्हें बैंक सिबिल स्कोर की शर्त बताकर लोन नहीं दे रहे हैं. जिस वजह से वे बैंक के चक्कर काटकर थक चुके हैं. 

'खरीफ सीजन के लिए नहीं मिल पा रहा कृषि लोन'

किसान बाबा राव के पास 25 एकड़ खेती है. उन्होंने दो साल पहले जो कृषि लोन लिया था वह फसल बर्बाद होने के चलते भर नहीं सकें. उन्होंने लोन सेटलमेंट कर 700000 रुपये भर दिए थे जिस कारण उनका सिबिल स्कोर खराब हुआ था. हालांकि, उन्हें फिर भी आने वाले खरीफ सीजन के लिए लोन नहीं मिल पा रहा है. पिछले कई महीनों से वो कागजों में हजारों रुपए खर्च कर चुके हैं. जिस कारण वे काफी परेशान हैं. बुवाई के लिए बस 8 से 15 दिन का वक्त बचा है और किसान अब तक कृषि लोन के लिए बैंक के चक्कर काट रहे हैं.

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इस संदर्भ में राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खरीफ मौसम के जायजा बैठक में माध्यम से बात करते हुए ऐलान किया कि किसानों को कृषि कर्ज के लिए सिबिल स्कोर की शर्त रखी तो उनपर FIR दर्ज करें. उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “किसानों को कृषि लोन के लिए बैंक सिबिल स्कोर मांग रही है यह मुझे पता चला है, लेकिन आरबीआई ने बैंकों की मीटिंग में कहा है कि यह शर्त किसानों के लिए लागू नहीं होती और यह शर्त अगर बैंक लगाती है और किसानों को लोन देती नहीं तो उन पर FIR दर्ज होगा.”

महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों के कई किसान परेशान 

एक अकेला बाबा राव किसान ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों के कई किसान इसी परेशानी से जूझ रहे हैं. इसलिए किसान नेता और किसानों के समस्या समझने वाले लोग निकलकर प्रशासन और सरकार के सामने हकीकत बयां कर रहे हैं. 

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किसान नेता और किसानों की समस्या के जानकार कह रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस राजनीति कर रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने किसानों के बारे में जो वादे किए थे वह सिर्फ वादे और बयान बाजी ही रहे. उन्होंने कहा था कि किसानों का माल व्यापारी सरकारी दामों से कम नहीं खरीदेंगे, अगर किया तो उन पर केस दर्ज होंगे. लेकिन किसानों की व्यापारियों ने कम दामों में कृषि माल खरीद कर लूट की है अब तक एक भी केस दर्ज नहीं हुआ. आज उन्होंने कहा कि बैंक ने यह शर्त लगाई तो उन पर केस दर्ज होगा, लेकिन बैंकें आज भी उनके आदेश को नहीं मानते दिखाई दे रही हैं. नतीजतन इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.